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पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक और शीतकालीन पैरालिंपिक ने बहुत सारी कीमती ओलंपिक विरासतें छोड़ी हैं

पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक और शीतकालीन पैरालिंपिक ने बहुत सारी कीमती ओलंपिक विरासतें छोड़ी हैं

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक परिषद (आईओसी) की संस्कृति और ओलंपिक विरासत समिति की अध्यक्ष पटामा लीस्वदत्रकुली ने चाइना मीडिया ग्रुप से साक्षात्कार में पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक और शीतकालीन पैरालिंपिक की प्रशंसा करते हुए कहा कि चीन ने दुनिया को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की उच्चस्तरीय मेजबानी दिखायी और बहुत सारी कीमती ओलंपिक विरासतें छोड़ी हैं।

पटामा ने कहा कि पेइचिंग शीतकालीन पैरालिंपिक का महत्व प्रतियोगिता से कहीं आगे चला गया है, जिसने दुनिया भर के विकलांग लोगों के खेल में भाग लेने के उत्साह को प्रेरित किया है और विकलांग लोगों को बड़ी सकारात्मक ऊर्जा मिली है। चीन ने दुनिया को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की उच्चस्तरीय मेजबानी दिखायी, विशेष रूप से तकनीकी नवाचार में। इसके अलावा, खेलों के आयोजन की पूरी प्रक्रिया में हरित पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया गया। द बर्डस नेस्ट स्टेडियम, जो पेइचिंग शीतकालीन पैरालिंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह का स्थल है, पेइचिंग 2008 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और पेइचिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक का उद्घाटन और समापन समारोह का स्थल भी है। वह ओलंपिक खेलों के इतिहास में दर्ज किया जाएगा और एक ओलंपिक विरासत बन जाएगा।

पटामा ने कहा कि शीतकालीन पैरालंपिक खेलों के मेजबान ने कई ओलंपिक प्रतियोगिता स्थलों को शीतकालीन पैरालंपिक स्थलों में बदल दिया है और विकलांगों की जरूरतों के अनुसार सुविधाओं को संशोधित किया है, जो विकलांगों के प्रति चिंता व प्रेम दर्शाता है।

पटामा का मानना है कि पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक ने शीतकालीन ओलंपिक के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है, चाहे आयोजन समिति का काम हो या कई उच्च तकनीक का उपयोग या कम कार्बन की हरित अवधारणा या स्वयंसेवकों की उच्च-गुणवत्ता वाली सेवाएं, सभी ने उन्हें बहुत गहरी छाप छोड़ी है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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