अमेरिका में दूसरी लोकतंत्र बैठक शुरू होने वाली है, पर मीडिया ने इस पर बहुत कम ध्यान दिया ।पश्चिमी सोशल मीडिया पर इस की कुछ चचार्एं हैं, पर लोग इस बैठक के विषय की जगह उस के पीछे छिपे इरादे पर अधिक बात कर रहे हैं।
अमेरिकी सरकार ने बताया कि वह कोस्टारिका, हॉलैंड ,दक्षिण कोरिया और जाम्बिया के साथ संयुक्त रूप से इस बैठक का आयोजन कर रही है। लेकिन अमेरिका को छोड़कर बाकी चार संयुक्त आयोजक देशों ने इस बैठक को लेकर मौन रहने का रूख अपनाया है।
ध्यान रहे अमेरिका ने वर्ष 2021 में पहली लोकतंत्र शिखर बैठक आयोजित की। उस समय बीस से अधिक देशों ने इस में भाग लेने से इंकार किया और दर्शकों की संख्या बहुत कम रही और कोई औपचारिक परिणाम भी नहीं निकाला, जो पूरी तरह हार गयी।
चीनी आधुनिक अंतरराष्ट्रीय संबंध अध्ययन अकादमी के अमेरिका केंद्र के निदेशक वांग होंग कांग ने बताया कि अमेरिका से आयोजित तथाकथित लोकतंत्र शिखर बैठक का कोई ठोस विषय नहीं है। उस का उद्देश्य सिर्फ मुकाबला व विभाजन को उकसावा देना है। इस तरह वह निश्चय ही विफल होगी।
स्थानीय विश्लेषकों के विचार में लोकतंत्र समग्र मानवता का सार्वभौमिक मूल्य है। पर अमेरिका ने उसे अपना प्रभुत्व बढ़ाने का उपकरण बनाया है। वर्तमान में विश्व कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। लोगों की आशा है कि विभिन्न देशों खासकर बड़े देशों को घनिष्ठ सहयोग करना चाहिए ।विश्व को विचारधारा से मुकाबला करने वाले दो गुटों में बांटना गैर जरूरी चीज है।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
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Source : IANS