अमेरिका को ग्लोबल महामारी-रोधी रैंकिंग में पहले नंबर पर रखने से ब्लूमबर्ग की प्रतिष्ठा हुई खराब

अमेरिका को ग्लोबल महामारी-रोधी रैंकिंग में पहले नंबर पर रखने से ब्लूमबर्ग की प्रतिष्ठा हुई खराब

अमेरिका को ग्लोबल महामारी-रोधी रैंकिंग में पहले नंबर पर रखने से ब्लूमबर्ग की प्रतिष्ठा हुई खराब

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

अंतर्राष्ट्रीय प्रेस जगत में अमेरिकी ब्लूमबर्ग वैश्विक वित्तीय खबरों के लिए मशहूर है। लेकिन हाल में इस संस्था द्वारा जारी की गयी ग्लोबल महामारी मुकाबला रैंकिंग में अमेरिका दुनिया का नंबर 1 महामारी-रोधी देश बना, जिससे विश्व के लोग हैरान हैं और ब्लूमबर्ग की प्रतिष्ठा भी खराब हो गयी।

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अमेरिका को पहला स्थान देने के लिए ब्लूमबर्ग ने हरसंभव कोशिश की और आकलन के नियम को भी बदला। उसने पहले की रैंकिंग में अहम सूचकांक पुष्ट मामलों और मृत मामलों की संख्या को नजरअंदाज कर लॉकडाउन लगाने और महामारी रोधी प्रबंध कदमों को कुप्रभाव तत्व माना। लोग देख सकते हैं कि यह आकलन व्यवस्था बिलकुल अमेरिका के लिए बनायी गयी है। महामारी रोधी कार्य में विश्व में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले देशों और क्षेत्रों को निम्न रैंकिंग मिली, जबकि अमेरिका पहले स्थान पर रहा।

इधर के दिनों में इस रैंकिंग को लेकर विश्व के नेटिजनों ने सोशल मीडिया पर आलोचना की। ब्लूमबर्ग ने इस तरह की रैंकिंग क्यों बनायी?

यह सर्वविदित है कि ब्लूमबर्ग के बॉस डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य हैं। लोगों ने ध्यान दिया कि यह सूची अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस की पूर्व बेला पर जारी की गयी है। इसलिए लोग अंदाजा लगा सकते हैं कि अमेरिकी नेताओं की मांग को पूरा करने के लिए ब्लूमबर्ग ने यह सूची जारी की। निसंदेह यह सूची लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी है, जिसका कोई वैज्ञानिक मूल्य नहीं है। इसके विपरीत ब्लूमबर्ग का तथाकथित निष्पक्ष मुखौटा सामने आ गया है।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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