13 जुलाई को चीनी विदेश मंत्री वांग यी और ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री ने दुशान्बे में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया।
इस दौरान वांग यी ने कहा कि अमेरिका द्वारा अफगान युद्ध छेड़े 20 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन शांति अभी भी नहीं आयी है। इस दौरान हजारों अफगान आम नागरिक अमेरिकी सेना द्वारा शुरू किए गए युद्ध में मारे गए और करोड़ों लोग बेघर होकर शरणार्थी बन गए। वांग यी ने कहा कि अफगान एक संप्रभु देश है। तथ्यों से फिर एक बार साबित हुआ है कि अफगानिस्तान पर सशस्त्र हस्तक्षेप अंतत: विफल होगा। लम्बे अरसे से अफगान सरकार ने अफगानिस्तान की राष्ट्रीय एकता, सामाजिक स्थिरता और जन-जीवन के सुधार के लिए व्यापक काम किए हैं। अफगानिस्तान की प्रमुख सैन्य शक्ति होने के नाते तालिबान को सभी आतंकी शक्तियों से अलग रहना चाहिए, ताकि देश और जनता के प्रति जिम्मेदार रुख से पुन: अफगानिस्तान की राजनीतिक प्रमुख धारा में वापस लौटा जाय।
वांग यी ने कहा कि चीन अफगानिस्तान के विभन्न पक्षों द्वारा खुद के बुनियादी और स्थायी हितों से प्रस्थान होकर वार्ता में शामिल करने का समर्थन करता है। चीन अफगानिस्तान का अच्छा पड़ोसी देश है। चीन हमेशा अफगानिस्तान की प्रभुसत्ता की स्वतंत्रता और प्रादेशिक अखंडता का सम्मान करता रहता है। चीन को विश्वास है कि अफगानिस्तान की विभिन्न राजनीतिक पार्टियां और जातियां खुद की समस्या का अच्छी तरह निपटारा कर सकेंगी। अभी फौरी तीन कार्य हैं। पहला युद्ध के विस्तार से बचकर अफगानिस्तान में गृहयुद्ध होने से रोकना चाहिए। दूसरा, अफगान लोगों की अंदरूनी वार्ता को पुन: शुरू कर राजनीतिक सुलह प्राप्त करनी चाहिए। तीसरा, अफगानिस्तान को आतंकी शक्तियों का केंद्र नहीं बनाना चाहिए। चीन इसके लिए विभिन्न पक्षों के साथ संपर्क बरकरार रखेगा और आवश्यक सुविधा प्रदान करेगा।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
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Source : IANS