हाल ही में अमेरिका के टेक्सास राज्य के सैन एंटोनिया शहर में खड़े एक ट्रक में कई प्रवासियों के शव पाये गये। मृतकों की संख्या 51 बतायी जा रही है। इधर के कुछ वर्षों में यह घटना अमेरिका में प्रवासियों की मौत की सबसे गंभीर घटनाओं में से एक है।
इस घटना ने पूरे विश्व को हैरान कर दिया है। यूएन महासचिव कार्यालय ने बयान जारी कर शोक जताया। अमेरिका में ऐसी घटना पहली बार नहीं हुई है। साल 2010 में भी 10 प्रवासी एक ट्रक में फंस कर गर्मी से मर गये थे। साल 2003 में 19 प्रवासियों के शव इस शहर के दक्षिण-पूर्व में स्थित एक ट्रक में पाये गये। अमेरिका में गैर-कानूनी प्रवासी मुद्दे का समाधान क्यों नहीं किया जा सकता है। इसका एक मुख्य कारण राजनीतिक पार्टियों का संघर्ष है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सत्ता में आने के बाद प्रवासी कानून में सुधार करने का वादा किया था, लेकिन पार्टियों के वाद-विवाद के चलते अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया है।
हालांकि इस हादसे की जांच जारी है। सूत्रों के अनुसार, ये मृतक मेक्सिको, गोटाला, होंडुरस के निवासी हो सकते हैं। लैटिन अमेरिकी देशों में लंबे समय तक अमेरिका की दखलंदाजी के बीच गैर-कानूनी प्रवासी समस्या अमेरिकी प्रभुत्ववाद का परिणाम भी है। विश्लेषकों के विचार में अति गरीबी और हिंसक अपराध लैटिन अमेरिका के लोगों को बाहर भागने का मुख्य कारण बनाते हैं।
वहीं, मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर ने सीधा तौर पर कहा है कि अगर अमेरिकी सरकार बड़ी संख्या में प्रवासी नहीं देखना चाहती है, तो उसे मध्य अमेरिकी देशों के आर्थिक विकास में मदद देनी चाहिए।
अमेरिका को टेक्सास राज्य में हुई इस घटना से सबक लेना चाहिए। अगर अमेरिकी राजनीतिज्ञ सचमुच लैटिन अमेरिकी जनता का ख्याल रखते हैं, तो अवश्य ही उनको यथाशीघ्र ही मोनरो डोक्ट्रीन और प्रभुत्ववाद छोड़कर प्रवासियों के मानवाधिकार की गारंटी के लिए कदम उठाना चाहिए।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
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Source : IANS