Advertisment

नेपाल ने इंडो-पेसिफिक रणनीति पर ठंडा पानी फेंकने वाला निर्णय लिया

नेपाल ने इंडो-पेसिफिक रणनीति पर ठंडा पानी फेंकने वाला निर्णय लिया

author-image
IANS
New Update
New from

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

नेपाल की कैबिनेट ने हाल में निर्णय लिया है कि वह अमेरिका के साथ राज्य साझेदारी संबंधों की योजना (एसपीपी) को बंद करेगा। लोगों ने ध्यान दिया कि नेपाल की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और सैन्य पक्ष ने इसका समर्थन किया। वे मानते हैं कि एसपीपी नेपाल के हित में नहीं है और नेपाल को हमेशा के लिए इस विषय पर चर्चा नहीं करनी चाहिए। नेपाल के इस निर्णय का यह मतलब है कि अमेरिका की तथाकथित इंडो-पेसिफिक रणनीति को हार मिली है।

एसपीपी अमेरिका की इंडो-पेसिफिक रणनीति का एक भाग माना जाता है, जिसका मकसद सोवियत संघ के विघटन के बाद संबंधित देशों को रक्षा शक्ति में सुधार करने में मदद देना है। वास्तव में अमेरिकी सैन्य शक्ति अन्य देशों में प्रवेश करना चाहती है।

नेपाली मीडिया के मुताबिक, साल 2015 के बाद अमेरिका ने कई बार नेपाल से एसपीपी में भाग लेने की मांग की, लेकिन नेपाल ने अमेरिका के साथ सैन्य गठबंधन के संबंध का विकास करने में रुचि नहीं दिखायी। हाल में नेपाल की कैबिनेट ने एसपीपी योजना को बंद करने का निर्णय लिया। यह न केवल नेपाल के राष्ट्रीय हितों से, बल्कि नेपाल की निर्गुट और संतुलित राजनयिक नीति से भी मेल खाता है।

नेपाल हिमालय पर्वत के दक्षिणी भाग में स्थित है, जो भारत और चीन से सटा हुआ है। नेपाल की भू-राजनीति का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। इधर के वर्षों में अमेरिका ने बार-बार तथाकथित इंडो-पेसिफिक रणनीति को लेकर नेपाल को इस में शामिल करने की पूरी कोशिश की। गत नवम्बर से इस मई तक अमेरिका के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने नेपाल की यात्रा की और नेपाल से एसपीपी में शामिल होने के लिए समझाया। अमेरिका चाहता है कि वह चीन को नियंत्रित कर चीन को घेर सके।

लेकिन एशिया प्रशांत क्षेत्र के लोगों की प्रभुत्ववाद से छेड़ी मुठभेड़ों के प्रति ताजा स्मृति है। अब वे लोग देश की स्थिरता और सुखमय जीवन की खोज कर रहे हैं। चीन मौका है और साझेदार भी। यह एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों की सहमति बन चुकी है। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने कई बार कहा था कि सिंगापुर बड़े देशों की प्रतिस्पर्धा में किसी के पक्ष में नहीं रहना चाहता। इस बार नेपाल का निर्णय अमेरिका के इंडो-पेसिफिक रणनीति पर फेंका गया ठंडा पानी है।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment