चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति के अध्यक्ष ली चानशू ने 12 से 15 जुलाई तक छिंगहाई-तिब्बत पठार पारिस्थितिक संरक्षण कानून के निर्माण के लिए तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का निरीक्षण दौरा किया।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि पारिस्थितिक सभ्यता पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग के विचार से छिंगहाई-तिब्बत पठार पारिस्थितिक संरक्षण कानून के निर्माण का मार्गदर्शन करना चाहिए, व्यवस्थित संरक्षण, समन्वित संरक्षण और विशेष सुरक्षा पर कायम रहते हुए वैज्ञानिक भावना के साथ एक अच्छा कानून बनाना आवश्यक है जो इतिहास और लोगों की कसौटी पर खरा उतर सकता है।
ली चानशू ने क्रमश: न्यिंग-ची, शिकाजे और ल्हासा आदि स्थल पहुंचकर आद्र्रभूमि संरक्षण, नदी के तटीय क्षेत्र में सुधार, वृक्षारोपण, जल संसाधन संरक्षण, और खान बहाली आदि कार्यों की जांच की। उन्होंने कहा कि छिंगहाई-तिब्बत पठार पारिस्थितिक संरक्षण कानून का निर्माण छिंगहाई-तिब्बत पठार के पारिस्थितिक संरक्षण पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग के महत्वपूर्ण निदेशरें के कार्यान्वयन का प्रमुख उपाय है।
छिंगहाई-तिब्बत पठार की विशेष पारिस्थितिक स्थिति और मूल्य है, जो राष्ट्रीय, यहां तक कि वैश्विक पारिस्थितिक सुरक्षा में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। छिंगहाई-तिब्बत पठार पारिस्थितिक संरक्षण कानून एक विशेष क्षेत्रीय संरक्षण कानून है, लेकिन इसका महत्व और प्रभाव उस क्षेत्र से बहुत आगे जाता है जहां कानून लागू होता है। इस कानून के निर्माण के दौरान सभी पहलुओं में पारिस्थितिकी संरक्षण प्रथम को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
तिब्बत में ली चानशू सामाजिक समुदाय गए, और पोताला महल, जोखान मठ, तशिल्हुनपो मठ का दौरा किया। उन्होंने कहा कि जातीय कार्यों और धार्मिक कार्यों पर देश की नीतियों को अच्छी तरह लागू करना चाहिए, मातृभूमि की एकता की रक्षा करते हुए जातीय एकता को मजबूत करना चाहिए, ताकि तिब्बत में दीर्घकालिक शांति और स्थिरता प्राप्त हो सके, और उच्च गुणवत्ता वाले विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS