हाल ही में समाप्त हुए चीनी केंद्रीय आर्थिक कार्य सम्मेलन में इस बात पर बल दिया गया कि अगले वर्ष के आर्थिक कार्यों को स्थिर बनाए रखते हुए प्रगति हासिल करनी चाहिये। उनमें मैक्रोइकॉनॉमिक नीतियां स्थिर और प्रभावी होनी चाहिए, और एक सक्रिय राजकोषीय नीति और एक स्थिर मौद्रिक नीति को लागू करना जारी रखना चाहिए। आर्थिक विशेषज्ञों ने 16 दिसंबर को कहा कि आर्थिक मंदी के संदर्भ में, राजकोषीय घाटे की दर को कम करने के लिए जल्दबाजी करना उचित नहीं है, और लोगों की आजीविका में अधिक वित्त का निवेश किया जाना चाहिए।
चीनी अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक आदान-प्रदान केंद्र के उपाध्यक्ष, अकादमिक समिति के निदेशक वांग ईमिंग ने कहा कि चीनी केंद्रीय आर्थिक कार्य सम्मेलन में स्थिरता के साथ प्रगति हासिल करने पर बल दिया गया है। मैक्रोइकॉनॉमिक्स नीति को स्थिर बनाने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। मुझे लगता है कि मैक्रोइकॉनॉमिक्स को स्थिर करने के लिए राजकोषीय नीति के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाना आवश्यक है।
छैएशिन थिंक टैंक मोनिता कंपनी के मुख्य अर्थशास्त्री बियन छ्वानश्वेई का मानना है कि राजकोषीय नीति दक्षता में सुधार करना चाहिए और सटीकता और स्थिरता पर अधिक ध्यान देना चाहिए। भविष्य में राजकोषीय कोष से लोगों की आजीविका में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS