भारत में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध और तर्पण किए जाते हैं, और उन्हें याद किया जाता है, उसी तरह चीन में भी अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पर्व मनाया जाता है, जिसे छिंगमिंग कहा जाता है।
दरअसल, चीनी संस्कृति में छिंगमिंग पर्व पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन चीनी लोग अपने पूर्वजों की कब्र पर जाकर उन्हें याद करते हैं, उनकी कब्र को साफ करते हैं और उन पर फूल मालाएं चढ़ाते हैं। इस पर्व को चीनी नए साल के बाद मनाया जाता है, जब चीन में सर्दियां चली जाती हैं और वसंत का मौसम आ चुका होता है।
छिंगमिंग पर्व में छिंग का मतलब होता है साफ और मिंग का मतलब उज्जवल। यह पर्व आमतौर पर ग्रेगरी कैलंडर की 4 या 5 अप्रैल को आता है। इसके नाम से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस दिन चीनी लोग बाहर निकल कर वसन्त ऋतु की हरियाली का आनंद लेते हैं और अपने पूर्वजों की कब्र पर जाकर उनको याद करते हैं।
छिंगमिंग पर्व इस बात का भी प्रतीक है कि अब सर्दियां जा चुकी हैं, वसंत का मौसम आ चुका है और बहुत जल्द ही गर्म मौसम शुरू होने वाला है। इस दौरान पेड़ों और पौधों पर नए पत्ते और नए फूल उगने लगते हैं। यह पर्व नियमित रूप से चीन के ताइवान, हांगकांग और मकाऊ में एक संवैधानिक सार्वजनिक छुट्टी के रूप में मनाया जाता है। इसे देखते हुए साल 2008 में मुख्यभूमि चीन में छिंगमिंग पर्व के दिन राष्ट्रव्यापी सार्वजनिक छुट्टी घोषित कर दी गई।
छिंगमिंग पर्व मनाने की परंपरा 2,500 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है। इसकी उत्पत्ति का श्रेय ईसा पूर्व 732 में थांग सम्राट शुआनजोंग को दिया जाता है। कहा जाता है कि चीन में अमीर लोग अपने पूर्वजों के सम्मान में गैर-जरूरी और भड़कीले ढंग से खर्च करते थे। सम्राट शुआनजोंग ने ऐसे रिवाज पर लगाम लगाना चाहा, और यह घोषणा की कि सिर्फ छिंगमिंग के दौरान ही पूर्वजों की कब्र पर औपचारिक रूप से सम्मान किया जाए। छिंगमिंग का अनुपालन करना चीनी संस्कृति का एक अभिन्न अंग बन गया और यह प्राचीन समय से आज तक जारी है।
(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)
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Source : IANS