पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक के दौरान स्वयंसेवकों के काम की विदेशी लोगों ने प्रशंसा की।
चीन के पेट्रोलियम विश्वविद्यालय के विद्यार्थी ली माओसू ने शीतकालीन ओलंपिक गांव के रिसेप्शन डेस्क में स्वयंसेवा की जिम्मेदारी संभाली। शीतकालीन ओलंपिक के दौरान बहुत से विदेशी लोगों का अकसर यही सवाल हुआ करता था कि रिसेप्शन डेस्क कब खुलता है?। यह देखकर ली माओसू और साथियों ने एक पोस्टर बनाया, जिस पर न सिर्फ रिसेप्शन डेस्क का कार्य समय लिखा हुआ था, बल्कि चीनी संस्कृति से जुड़े चित्र भी प्रदर्शित थे। विदेशी लोगों को यह पोस्टर बहुत पसंद आया।
स्वयंसेवकों में विदेशी छात्र भी शामिल थे। पेइचिंग तकनीक विश्वविद्यालय में पढ़ रही बांग्लादेश की विद्यार्थी थाओ थ्येन उनमें से एक है। थाओ थ्येन को बंगाली, चीनी, अंग्रेजी, जर्मन, हिंदी, अरबी आदि 8 भाषाएं आती हैं। जब भी किसी भाषा संबंधी समस्या होती थी, वह हमेशा उत्साहपूर्वक अनुवाद करती और मदद करती थी।
पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक के दौरान 18,000 टूर्नामेंट स्वयंसेवकों ने अपनी सेवाएं दी। इसके साथ अन्य 2 लाख से अधिक स्वयंसेवकों ने हरसंभव काम किया। 20 फरवरी को आयोजित समापन समारोह में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने चीनी भाषा में कहा, स्वयंसेवकों, आप सभी का आभार!
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
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Source : IANS