Advertisment

सच बोलने की हिम्मत रखने वाले मीडिया कर्मियों की तारीफ

सच बोलने की हिम्मत रखने वाले मीडिया कर्मियों की तारीफ

author-image
IANS
New Update
new from

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

मीडिया रिपोर्टर का पेशा नैतिकता और आचरण समाचार घटनाओं को निष्पक्ष और सच्चाई से रिपोर्ट करना होना चाहिए, लेकिन कुछ पश्चिमी मीडिया रिपोर्टर ऐसे नहीं हैं। वे तथ्यों के प्रस्तुतकर्ताओं से साइंस फिक्शन फिल्मों के निदेशक और बर्लेस्क के लेखक बन गये हैं। उन्हें बड़े चैबोल्स से वेतन मिलता है। कुछ चीन विरोधी राजनेताओं की सहायता देने के लिये वे चीन को बदनाम करने की बड़ी कोशिश करते हैं, और गलत तरीके से जनमत की दिशा का मार्गदर्शन करते हैं। लेकिन कुछ रिपोर्टर उनके विपरीत हैं।

एडगर स्नो तो उनमें से एक थे। वे पहले पश्चिमी पत्रकार थे, जिन्होंने एक सही चीन को दुनिया के सामने पेश किया। वर्ष 1937 के अक्टूबर में एक जादुई किताब इंग्लैंड की राजधानी लंदन में प्रकाशित की गयी। केवल कई हफ्तों में इसकी एक लाख से अधिक प्रतियां बिकीं, और उस महीने तीन पुर्नमुद्रण अभी भी कम आपूर्ति में थे। इस किताब का नाम हैह्लरेड स्टार ऑवर चाइनाह्व और किताब के लेखक हैं अमेरिकी पत्रकार एडगर स्नो।

वर्ष 1936 में चीन में जापानी विरोधी युद्ध के दौरान, एडगर स्नो बहुत-सी मुश्किलों को दूर कर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति की सीट बाओआन में आए। जहां उन्होंने चीनी जनता के नेता माओ त्सेतुंग के साथ लंबी बातचीत की, लाल सेना के सैकड़ों जनरलों का इन्टरव्यू लिया, और आम लोगों से व्यापक रूप से संपर्क किया। यहां तक कि सैनिकों के दैनिक जीवन जानने के लिये वे युद्ध की अग्रिम पंक्ति में भी गये।

फिर उन्होंने पाया कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बाहरी दुनिया के बुरे प्रचार से बिल्कुल अलग है। इसलिये उन्होंने रेड स्टार ऑवर चाइना इस पुस्तक में सब से वास्तविक और प्रथम हाथ की जानकारी लिखी। यह स्नो की किताब थी जिसने बाहरी दुनिया को वास्तविक चीन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बारे में जानने की अनुमति दी।

एडगर स्नो जैसे सच बोलने वाले मीडिया कर्मी अकेले नहीं हैं। चीन में दस साल बिता चुके एंडी बोरहम एक न्यूजीलैंडर हैं। वर्तमान में वे शांगहाई डेली में काम करते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म ट्विटर पर उनका हमेशा से ही आत्म-परिचय रहा है, चीन की प्रशंसा करने वाला सट्टेबाज नहीं, बल्कि सच बोलने वाला मीडियाकर्मी।

उन्होंने सच्चे दिल से कहा है कि चीन आने से पहले उन्हें केवल पश्चिमी मीडिया से चीन के बारे में जानकारी मिली। पर उन मीडिया की रिपोर्ट में चीन एक बहुत खतरनाक और पिछड़ा देश है, और सरकार मानवाधिकार की उपेक्षा करती है इत्यादि। लेकिन जब उन्होंने पहली बार पर्यटन के लिये चीन की यात्रा की, और अपनी आंखों से चीन को देखा। तो पता चला कि वे सच में धोखा खा गया था।

इस के बाद उन्होंने चीन के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया, और चीन के लोकतंत्र और शिनच्यांग में सच्चाई के बारे में वीडियो जारी किये, जिन्होंने पश्चिमी देशों के सिलसिलेवार पूर्वाग्रहों और अफवाहों का मुकाबला किया। साथ ही, पश्चिमी मीडिया द्वारा भी उन पर हमला किया गया और उनकी निंदा की गई। 19 फरवरी को एंडी बोरहम को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उनके ट्विटर अकाउंट को ट्विटर अधिकारियों द्वारा चीन का आधिकारिक मीडिया के रूप में लेबल किया गया था। इस के पीछे का मतलब बहुत स्पष्ट है। इस बात के जवाब में एंडी बोरहम ने कहा कि मैं शायद यह लेबल पाने वाला पहला विदेशी हूं और मैं लड़ता रहूंगा।

आशा है कि एडगर स्नो और एंडी बोरहम जैसे मीडिया कर्मियों की संख्या अधिक से अधिक होंगी, जिन्हें सच बोलने की हिम्मत होती है। ताकि पूरी दुनिया में लोग उनकी रिपोर्ट से एक वास्तविक चीन को समझ सकें।

(चंद्रिमा - चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment