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अत्यधिक खतरनाक वायरस सुधारक : राल्फ बारिक

अत्यधिक खतरनाक वायरस सुधारक : राल्फ बारिक

Updated on: 12 Sep 2021, 07:50 PM

बीजिंग:

हाल ही में अमेरिकी उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय और इसमें काम करने वाले बारिक नाम के एक प्रोफेसर पर विश्व का ध्यान केंद्रित हुआ है। जिनेवा स्थित चीनी स्थायी प्रतिनिधि छन शू ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम घेब्रेयियस को पत्र भेजकर कहा कि अब फोर्ट डेट्रिक की प्रयोगशाला के अलावा उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला की पारदर्शी जांच-पड़ताल करने की भी जरूरत है। साथ ही, चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित न्यूज ब्रीफिंग में बारिक का नाम बारी-बारी से पेश किया गया है।

आखिर उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय में क्या हुआ? बारिक कौन हैं? क्या उनका फोर्ट डेट्रिक से कोई संबंध है?

बारिक को कोरोनावायरस शिकारी कहा जाता है। उन्होंने कोरोनावायरस के सुधार से जुड़ी तकनीक पर दसेक वर्षों का अध्ययन किया है। इटली की एक मीडिया को इन्टरव्यू देते समय बारिक ने यह कहा है कि वे कृत्रिम रूप से वायरस को बदल सकते हैं, लेकिन कोई निशान नहीं छोड़ते! डॉक्टर बारिक के अनुसार 21वीं शताब्दी के पहले 20 वर्षों में हमने चमगादड़ में पाँच या छह नये कोरोनावायरस की खोज की है।

गौरतलब है कि बारिक न सिर्फ कोरोनावायरस के जीन टुकड़ों से जीवित वायरस बना सकते हैं, बल्कि इसके जीन का सुधार करके नये कोरोनावायरस बना सकते हैं। 28 अक्तूबर 2003 को बैरिक ने एक जीवित सार्स वायरस बनाया था।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.