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चीन हमेशा अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का रक्षक रहा है

चीन हमेशा अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का रक्षक रहा है

Updated on: 30 Sep 2021, 08:00 PM

बीजिंग:

इस साल संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन लोक गणराज्य की कानूनी सीट की बहाली की 50वीं वर्षगांठ है। पिछले 50 वर्षों में चीन ने यथार्थ कार्रवाई से संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्य और सिद्धांत को लागू किया है और विश्व शांति का एक महत्वपूर्ण निर्माण व्यक्ति, वैश्विक विकास का सबसे बड़ा सहयोगी, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का ²ढ़ समर्थक बन गया है।

18वीं सीसीपी कांग्रेस के बाद से चीनी नेता शी चिनफिंग ने कई बार संयुक्त राष्ट्र संघ में चीनी आवाज दी और चीनी रुख पर प्रकाश डाला।

संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्य और सिद्धांत अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता का मील का पत्थर है। 2015 के सितंबर में संयुक्त राष्ट्र संघ की 70वीं वर्षगांठ थी। शी चिनफिंग ने पहली बार न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सिलसिलेवार शिखर सम्मेलनों में हिस्सा लिया। महासभा की आम बहस में शी चिनफिंग ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर की भावना का जिक्र करते समय सहयोग और साझी जीत के केंद्र वाले नये अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की विचारधारा पेश की। उन्होंने कहा कि देशों के बीच संवाद होना चाहिए। एक देश की सफलता दूसरे देश की हार का मतलब नहीं है। इस दुनिया में विभिन्न देश प्रगति और विकास कर सकते हैं। बड़े देशों को आपसी केंद्रीय हितों का सम्मान कर मतभेदों पर अच्छी तरह नियंत्रित करना चाहिए, एक दूसरे का सम्मान करने और आपसी सहयोग करने के नये ढंग के संबंधों की स्थापना करनी चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र चार्टर सर्वमान्य देशों व देशों के बीच संबंधों का बुनियादी नियम है।

2020 के सितंबर में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के स्मृति शिखर सम्मेलन में शी चिनफिंग ने देशों के बीच संबंधों का निपटारा करने की चर्चा में कहा कि देश चाहे बड़ा हो या छोटा, सब को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा करने के लिए चीन ने यथार्थ कार्रवाइयां कीं। पिछली शताब्दी के 50 के दशक में चीन ने सर्वप्रथम शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पाँच सिद्धांत पेश किये और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी नियमों का विकास करने में अहम भूमिका अदा की। बीते 50 सालों में चीन ने लगभग सभी अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भाग लिया और 600 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय संधियों पर हस्ताक्षर किया और अपने वचनों का पालन किया।

अब दुनिया एक नये डांवाडोल के काल में प्रवेश कर चुकी है। विभिन्न देशों को समान ऐतिहासिक विकल्प का सामना करना है। कुछ समय से पहले आयोजित 76वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस में शी चिनफिंग ने चीनी पहल पेश की। उन्होंने कहा कि हमें वैश्विक प्रशासन को परिपूर्ण बनाकर बहुपक्षवाद पर कायम रखना चाहिए। दुनिया में केवल एक प्रणाली है, यानी संयुक्त राष्ट्र संघ के केंद्र वाली अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली है। दुनिया में केवल एक व्यवस्था है, यानी अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था है। दुनिया में केवल एक नियम है, यानी संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सिद्धांत पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का बुनियादी नियम है। संयुक्त राष्ट्र संघ को बहुपक्षवाद का झंडा बुलंद कर आम सुरक्षा की रक्षा करने, विकास उपलब्धियों को साझा करने और विश्व भाग्य को पकड़ने का केंद्रीय मंच बनना चाहिए।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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