अमेरिका और चीन के रिश्ते बेहतर होने से पूरी दुनिया को होगा लाभ
अमेरिका और चीन के रिश्ते बेहतर होने से पूरी दुनिया को होगा लाभ
बीजिंग:
चीन व अमेरिका विश्व की दो सबसे प्रमुख शक्तियां हैं। हालांकि दोनों के संबंधों में तनाव भी अकसर पैदा होता रहा है। जाहिर है कि किसी भी एक देश का दूसरे देश के साथ हर मुद्दे पर समान रुख नहीं हो सकता। लेकिन एक-दूसरे के हितों का खयाल रखना जरूरी होता है। इसके साथ ही किसी दूसरे राष्ट्र के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप न करना भी रिश्तों को बेहतर बनाने में अहम हो सकता है। हालांकि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के काल में हमने देखा कि दोनों देशों के संबंध काफी खराब हो गए थे। इधर के दिनों में संबंधों को सुधारने की पहल हुई है। उम्मीद की जा रही है कि इस साल के अंत में जब चीनी और अमेरिकी राष्ट्रपति वीडियो के जरिए वार्ता करेंगे तो रिश्तों को बेहतर करने पर ध्यान केंद्रित होगा।बता दें कि अमेरिका व चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक सहयोग की गुंजाइश है, बात जलवायु परिवर्तन की हो या आतंकवाद के मुकाबले की। इन दोनों शक्तियों की पहल के बिना इन वैश्विक चुनौतियों से निपटना आसान नहीं है। वहीं चीन ने बार-बार कहा कि वह अमेरिका के साथ रिश्तों को सुधारने का पक्षधर है। लेकिन इसके लिए अमेरिकी नेताओं को भी गंभीरता दिखानी होगी। अमेरिका स्थित चीनी राजदूत भी चीन द्वारा संबंधों को पटरी पर लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा कर चुके हैं। जिसमें बल देकर कहा गया है कि चीन सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करना चाहता है, लेकिन इसके लिए उस देश द्वारा भी सही दिशा में पहल करने की जरूरत है।
हाल के दिनों में चीन और अमेरिका के प्रतिनिधियों के बीच चर्चा हुई है। जिसमें चीन की ओर से यांग च्येछी और अमेरिका की तरफ से जेक सुलिवन मौजूद थे। इस दौरान इन प्रतिनिधियों ने जोर दिया कि वे दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की फोन वार्ता में तय हुए मुद्दों पर अमल करेंगे। ताकि चीन और अमेरिका के संबंधों को स्वस्थ व स्थिर विकास के रास्ते पर ले जाया जा सके। जैसा कि हम जानते हैं कि अमेरिकी व चीनी राष्ट्रपतियों के बीच 10 सितंबर को हुई फोन बातचीत बहुत सार्थक रही। जिसमें दोनों नेताओं ने संबंधों को बेहतर करने के लिए व्यापक प्रयास करने पर सहमति जताई थी।
कहा जा सकता है कि चीन और अमेरिका के संबंध अच्छे होने से पूरी दुनिया को लाभ पहुंच सकता है, क्योंकि दोनों की अपनी-अपनी श्रेष्ठताएं हैं। अगर वे किसी भी क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मसले पर एकमत होते हैं तो उसका व्यापक असर पड़ता है।
(अनिल पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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