संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के एशिया-प्रशांत कार्यालय की प्रधान डॉ. डेचेन त्सेरिंग (भूटानी) ने हाल ही में चीनी समाचार एजेंसी शिनहुआ को दिए एक इन्टरव्यू में कहा कि चीन वैश्विक पर्यावरण एजेंडे में महत्वपूर्ण नेता है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने, प्रदूषण को रोकने और जैव विविधता की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यूएनईपी चीन के साथ सहयोग को लगातार मजबूत करता रहेगा, और खुनमिंग में संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता पर कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्ताओं का 15वां सम्मेलन (सीओपी15) के सफल आयोजन को सुनिश्चित करेगा।
डॉ. डेचेन त्सेरिंग ने चीन की पारिस्थितिक अवधारणा की अत्यधिक प्रशंसा की और कहा कि चीन ने पारिस्थितिकी सभ्यता को राष्ट्रीय विकास की नीति और संविधान में शामिल किया है। यह एक बहुत अच्छा उदाहरण है, जो वैश्विक रणनीतिक दिशा के मार्गदर्शन के लिए एक मॉडल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। चीन ने गरीबी उन्मूलन, प्रदूषण में कमी, मरुस्थलीकरण की रोकथाम और वनीकरण, पर्यावरण कानून का निर्माण, पर्यावरण संरक्षण की जागरूकता और शिक्षा आदि क्षेत्रों में प्रगति हासिल की है।
डॉ. डेचेन त्सेरिंग चीन के जैव विविधता संरक्षण से बहुत प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि चीन सक्रिय रूप से जैव विविधता संरक्षण और पारिस्थितिक बहाली कर रहा है। चीन की दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों की रहने की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, और तिब्बती मृग, साइबेरियाई बाघ, एशियाई हाथी और क्रेस्टेड आइबिस की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, चीन की पारिस्थितिक सुरक्षा और बहाली परियोजनाओं, जैसे वन और आद्र्रभूमि संरक्षण उपायों और यांग्त्जी नदी बेसिन में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध, ने दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों की बहाली को बढ़ावा दिया है।
( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग )
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Source : IANS