संबंधित देशों द्वारा लोकतंत्र के बहाने दूसरे देशों में हस्तक्षेप करने और दबाने का विरोध - चीनी प्रतिनिधि
संबंधित देशों द्वारा लोकतंत्र के बहाने दूसरे देशों में हस्तक्षेप करने और दबाने का विरोध - चीनी प्रतिनिधि
बीजिंग:
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में स्थित चीनी स्थाई प्रतिनिधि छन श्य्वी ने 4 अक्तूबर को मानवाधिकार परिषद के 48वें सम्मेलन में संबंधित विषय को लेकर रूस, श्रीलंका, बेलारूस, ईरान, कंबोडिया आदि देशों की ओर से समान विचारों के साथ संयुक्त भाषण दिया, और कुछ देशों द्वारा लोकतंत्र मुद्दे को साधन बनाने, लोकतंत्र के बहाने दूसरे देशों में हस्तक्षेप करने और उन्हें दबाने का विरोध व्यक्त किया।छन श्य्वी ने कहा कि शांति, विकास, निष्पक्षता, न्याय, लोकतंत्र और स्वतंत्रता सभी मानव जाति के सामान्य मूल्य हैं। लोकतंत्र का कोई निश्चित मॉडल नहीं होता है। सच्चा लोकतंत्र क्या है, इसे कुछ देशों द्वारा निर्धारित नहीं किया जाना चाहिए। कुंजी यह देखना है कि क्या यह देश की राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप है, क्या यह लोगों की इच्छा को दशार्ता है, क्या यह लोगों के हितों की रक्षा करता है, क्या इसे जनता का समर्थन प्राप्त है, और क्या यह राजनीतिक स्थिरता, सामाजिक प्रगति और लोगों की भलाई ला सकता है।
चीनी प्रतिनिधि ने कहा कि चिंता की बात यह है कि कुछ देश लोकतांत्रिक मुद्दों पर दोहरे मापदंड या यहां तक कि कई मानकों को अपनाते हैं, वे लोकतंत्र के मुद्दों को साधने की कोशिश कर रहे हैं, अपने स्वयं के मूल्यों और राजनीतिक मॉडल को दूसरों पर थोप रहे हैं, वे लोकतंत्र की आड़ में दूसरे देशों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। यह अपने आप में अलोकतांत्रिक व्यवहार है, जो केवल अराजकता और उथल-पुथल पैदा करेगा और सभी देशों के लोगों के मौलिक हितों को नुकसान पहुंचाएगा।
छन श्य्वी ने यह भी कहा कि दुनिया का बहु-ध्रुवीकरण और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का लोकतंत्रीकरण युगात्मक प्रवृत्ति है। सभी देशों को वास्तविक बहुपक्षवाद का अभ्यास करना चाहिए, परामर्श और सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए, शांति और विकास को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि मानव अधिकारों को बेहतर ढंग से बढ़ावा दिया जा सके और उनकी रक्षा की जा सके। न कि विचारधारा से रेखाएं खींचना और कृत्रिम रूप से विभाजन और टकराव पैदा करना। सभी देशों को वैश्विक चुनौतियों का समान रूप से मुकाबला करने और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए एकजुटता और सहयोग को मजबूत करना चाहिए।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, चीनी प्रतिनिधि छन श्य्वी ने 4 अक्तूबर को यूएन मानवाधिकार परिषद के 48वें सम्मेलन में रूस, क्यूबा, भारत, ब्राजील, सऊदी अरब, ईरान, बहरीन और अन्य समान विचारों वाले देशों का प्रतिनिधित्व कर संयुक्त भाषण दिए। उन्होंने दासता, ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार, और उपनिवेशवाद की विरासत को खत्म करने, और नस्लीय न्याय और समानता प्राप्त करने के लिए प्रयास करने की अपील की।
( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग )
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