चिंगचे 24 सौर चक्र का तीसरा चक्र है, जो आम तौर पर 5 या 6 मार्च को होता है। इस चक्र में वसंत की शक्ति दिखने लगती है। चिंगचे के मौसम में वसंत की गड़गड़ाहट शुरू होती है। जो जमीन के नीचे सुसुप्ता अवस्था में पड़े जीवों को जगाती है। सब जीवंत होने लगा है। चिंगचे से विभिन्न क्षेत्रों में मौसम धीरे-धीरे गर्म होने वाला है। बारिश भी ज्यादा होने लगी है। अधिकतर क्षेत्रों में वसंत की जुताई शुरू होती है।
चीन के थांग राजवंश के कवि ल्यू छांगछिंग ने चिंगचे के नाम पर एक कविता भी लिखी हुई है। यह कविता इस प्रकार है : जमीन में पौधे उगने लगे हैं। झील में मछलियां भी सक्रिय हो गई हैं। अचानक आकाश से गड़गड़ाहट की आवाज आई। पशु-पक्षी और कीड़े सभी जीवित हो गए हैं।
चिंगचे के मौके पर चीनी लोग नाशपाती खाना पसंद करते हैं, क्योंकि मौसम स्पष्ट रूप से गर्म हो जाता है। इसलिए मुंह सूखने और खांसी होने का खतरा रहता है। नाशपाती इन परेशानियों से बचा सकती है। इसके अलावा पुरातन समय में चिंगचे के दिन लोग सुगंधित नागदौन को घर में डालकर सांप, कीड़े, मच्छर, चूहे आदि को भगाते थे। धीरे-धीरे यह एक परंपरा सी बन गई।
(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS