पाँच वर्ष पहले आयोजित जी-20 हांगचो शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा था कि जी-20 समूह केवल 20 सदस्य देशों का समूह नहीं है, वह विश्व के लिये एक समूह ही है। हमारा लक्ष्य विभिन्न देशों खास तौर पर विकासशील देशों की जनता का जीवन बेहतर बनाना है।
जब महामारी अचानक आयी, तो खाई ज्यादा बड़ी हो गयी। इस वर्ष के 30 अक्तूबर को जी-20 रोम शिखर सम्मेलन में शी चिनफिंग ने यह लक्ष्य पेश किया कि हमें जनता से केंद्रित होकर वैश्विक विकास की निष्पक्षता, कारगरता व सहनशीलता को उन्नत करना चाहिये, ताकि कोई देश पीछे न रहे।
गौरतलब है कि जी-20 के सदस्य देशों की जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या के दो तिहाई तक पहुंच चुकी है। उन देशों की राष्ट्रीय भूमि का कुल क्षेत्रफल भी विश्व के 55 प्रतिशत है। जी-20 देशों का सकल घरेलू उत्पाद विश्व के 86 प्रतिशत तक पहुंच गया। व्यापारिक रकम भी विश्व के 75 प्रतिशत हो चुकी है। जी-20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के मुख्य मंच के रूप में अंतर्राष्ट्रीय मामलों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
कोविड-19 महामारी के निरंतर प्रकोप, वैश्विक आर्थिक पुनरुत्थान की कमजोरी, जलवायु परिवर्तन में मौजूद स्पष्ट चुनौती और क्षेत्रीय मामलों के बार-बार सामने आने की पृष्ठभूमि में क्या जी-20 इस दुनिया का नेतृत्व करके उक्त छाया को दूर कर सकेगा? अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इसकी प्रतीक्षा में है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS