एक बार शिक्षा जगत के एक प्रसिद्ध प्रोफेसर ने भाषण देते समय सभी मां-बाप से यह सवाल पूछा था कि यदि आपको एक कच्चा अंडा तोड़ना हो, तो आप कौन सा तरीका अपनाएंगे? कुछ ने कहा कि हम हाथों से अंडे को कुचल सकते हैं। कुछ ने कहा कि हम उपकरणों से अंडे को तोड़ सकते हैं। और कुछ ने कहा कि हम अपने पैरों से अंडे को तोड़ सकते हैं।
प्रोफेसर उन जवाबों से संतुष्ट नहीं हुए, फिर उन्होंने कहा कि आपने जिस विधि का उल्लेख किया वह है अंडे को बाहर से तोड़ना। क्या इसे अंदर से तोड़ने का कोई तरीका है? तभी एक मां ने खड़ी होकर कहा कि जब मुर्गी चूजों को पालती है, तो चूजे अंदर से अंडे के छिलके को चुगते हैं। यह उत्तर सुनकर प्रोफेसर ने मुस्कुराते हुए कहा कि आपने अभी जिन तरीकों का उल्लेख किया है, वे सभी अंडे तोड़ सकते हैं, लेकिन परिणाम अलग है। बाहर से तोड़ना दबाव है, और अंदर से तोड़ना विकास है।
गौरतलब है कि बाहर से तोड़ने के लिए चाहे कोई भी तरीका अपनाया जाए, अंडे का एक ही परिणाम होता है कि वह भोजन बन जाता है, और जब अंदर से तोड़ा जाता है तभी एक अंडा जीवन बन सकता है। कई माता-पिता सोचते हैं कि वे अपने बच्चों को जो देते हैं वह सबसे अच्छा है, और वे अपने बच्चों के समय और जीवन को सख्ती से व्यवस्थित और नियंत्रित करते हैं। पर वे शायद नहीं जानते कि उनकी सावधानीपूर्वक देखभाल ही उनके बच्चे के विकास में सबसे बड़ी बाधा बनती है।
(चंद्रिमा - चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS