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अमेरिका : दूसरे पर दोष मढ़ने के बजाय सक्रिय कदम उठाना बेहतर है

अमेरिका : दूसरे पर दोष मढ़ने के बजाय सक्रिय कदम उठाना बेहतर है

Updated on: 30 Jul 2021, 08:30 PM

बीजिंग:

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार, हाल ही में अमेरिका के 90 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों में न्यू् कोरोना वायरस महामारी का फिर से तेज होने की स्थिति नजर आयी है। हालांकि स्थिति चिंताजनक है, अमेरिकी सरकार ने कोई सक्रिय कदम नहीं उठाया है। इसके विपरित अमेरिका दूसरे के खिलाफ दोषारोपण के माध्यम से घरेलू दबाव को स्थानांतरित करने की कोशिश कर रहा है।

अमेरिकी पब्लिक हेल्थ सर्विस के पूर्व निदेशक जेरोम एडम्स के अनुसार, अमेरिका में महामारी के एक बार फिर अनियंत्रित होने का कारण महामारी-रोधी अप्रभावी उपायों से संबंधित है। साथ ही अमेरिका में टीकाकरण का अनुपात भी पर्याप्त नहीं है। उधर सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि टीकाकरण दर में काफी वृद्धि नहीं की गई, तो प्रतिदिन नई मौतों की संख्या 4,000 तक पहुंच सकती है। दूसरे, डेल्टा जैसे उत्परिवर्तित वायरस की रोकथाम में अमेरिका ने आवश्यक अलगाव के कदम उठाने के बजाय समय से पहले नियंत्रण को ढील किया। उदाहरण के लिए, अमेरिकी सीडीसी के द्वारा मई में प्रकाशित एक दिशानिर्देश के मुताबिक, उन लोगों, जिन्हों ने टीकाकरण पूरा कर लिया है, को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है।

हालांकि, जैसे-जैसे महामारी तेज होती गई, अमेरिकी राजनेता वायरस ट्रैसेबिलिटी के राजनीतिकरण में अधिक उन्मादी हो गए हैं। उन्होंने घरेलू सामाजिक दबाव को स्थानांतरित करने के प्रयास में चीन को कलंकित करने के लिए निरंतर कदम उठाये। उधर अमेरिकी कार्रवाइयों का अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में व्यापक विरोध किया जा रहा है। 18 जुलाई को, मिस्र के विदेश मंत्री शुक्री ने कहा कि चीन ने महामारी से लड़ने में दुनिया के लिए एक मिसाल कायम की है और मिस्र वायरस ट्रेसबिलिटी के मुद्दे पर चीन की स्थिति का समर्थन करता है। 22 तारीख को, पुर्तगाली राज्य मंत्री और विदेश मंत्री सिल्वा ने कहा कि पुर्तगाली पक्ष वैज्ञानिक और पेशेवर भावना से ट्रैसेबिलिटी अनुसंधान करने की वकालत करता है, और ऐसे किसी भी व्यवहार का समर्थन नहीं करता है जो ट्रैसेबिलिटी का राजनीतिकरण करता है। 23 तारीख को, माल्टीज के विदेश मंत्री बाटोर्लो का मानना था कि वायरस का पता लगाने की क्षमता तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। 24 तारीख को, पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान वायरस ट्रैसेबिलिटी के मुद्दे पर चीन की स्थिति से पूरी तरह सहमत है, और ट्रैसेबिलिटी रिसर्च को वैज्ञानिक ²ष्टिकोण अपनाना चाहिए। 25 तारीख को, फिनिश विदेश मंत्री हाविस्टो ने कहा कि फिनलैंड वायरस ट्रैसेबिलिटी के मुद्दे पर चीन की चिंताओं को पूरी तरह से समझता है और इस बात की वकालत करता है कि ट्रैसेबिलिटी को वैज्ञानिक तरीके से किया जाना चाहिए। 27 तारीख को, मंगोलियाई विदेश मंत्री बैटजेग ने कहा कि ट्रेसबिलिटी का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए, और उस ट्रैसेबिलिटी को विश्व स्तर पर बढ़ावा दिया जाना चाहिए। अब तक, लगभग 60 देशों ने डब्ल्यूएचओ को पत्र लिखकर ट्रैसेबिलिटी के राजनीतिकरण का विरोध प्रकट किया है। वैज्ञानिक प्रश्नों का उत्तर वैज्ञानिक तरीकों से दिया जाना चाहिए, और सभी राजनीतिक षड्यंत्र विज्ञान और न्याय की आवाज से बह जाएंगे।

तथ्यों ने साबित कर दिया है कि प्रयोगशाला रिसाव चीन के खिलाफ एक अमेरिकी साजिश है। चूंकि यह संदेह है कि न्यू कोरोनावायरस प्रयोगशाला रिसाव से आया है, तो सभी संदिग्ध प्रयोगशालाओं की जांच क्यों नहीं की जा सकेगी? अमेरिका ने चीन में वुहान प्रयोगशाला को दोषी ठहराया है, और डब्ल्यूएचओ द्वारा की गई जांच के परिणामों ने साबित कर दिया है कि इस प्रयोगशाला में कोई समस्या नहीं है। लेकिन अमेरिका के फोर्ट डेट्रिक वायलेब, जिसे अंतरराष्ट्रीय जनता का व्यापक संदेह केंद्रित है, को जांच करने की अनुमति क्यों नहीं दी गयी है? वायरस ट्रेसेबिलिटी के मुद्दे पर, जिसके लिए वैज्ञानिक ²ष्टिकोण की आवश्यकता होती है, अमेरिका ने आधिपत्य के उपायों को अपनाया है। इसकी विश्व भर अधिकाधिक आलोचनाएं की जाएंगी।

यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आम सहमति और चीन का सतत रुख है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के आधार पर वायरस ट्रेसबिलिटी पर वैज्ञानिक रूप से शोध किया जाना चाहिए। चीन डब्ल्यूएचओ के साथ सहयोग कर चुका है, सभी जांच पूरी हो चुका है और वैज्ञानिक निष्कर्ष पर भी पहुंचा है। चीन अमेरिका के आधिपत्य के सामने अपना सिर नहीं झुकाएगा और चीनी प्रयोगशाला की एकतरफा बार-बार जांच की अनुमति देना असंभव है। ट्रेसबिलिटी का राजनीतिकरण अमेरिका की राजनीतिक साजिश है। ट्रेसबिलिटी के मुद्दे पर, अमेरिका को अपनी झूठ कूटनीति और बदनाम कूटनीति को तुरंत बंद कर देना चाहिए और महामारी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लड़ाइयों में सक्रियता काम करना चाहिये।

( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग )

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