संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 49वें सम्मेलन के अधीन तिब्बत में संस्कृति का विकास, मानवाधिकार की गारंटी और समाज का विकास नामक ऑनलाइन बैठक 28 मार्च को पेइचिंग में आयोजित हुई। चीनी मानवाधिकार अनुसंधान प्रतिष्ठान, चीनी तिब्बत सांस्कृतिक संरक्षण व विकास संघ और चीनी तिब्बत विज्ञान अनुसंधान केंद्र ने संयुक्त रूप से इस बैठक की अध्यक्षता की। 40 से अधिक देसी-विदेशी विशेषज्ञों व विद्वानों ने ऑनलाइन या ऑफलाइन के तरीके से इसमें भाग लिया।
चीनी तिब्बत विज्ञान अनुसंधान केंद्र के महानिदेशक, शोधकर्ता चेन त्वेई ने कहा कि 28 तारीख को तिब्बत में दस लाख भूदासों की मुक्ति की वर्षगांठ है। इस विशेष दिन में इस बैठक का आयोजन किया गया, जिसका महत्वपूर्ण अर्थ होता है। इस मौके पर हम तिब्बत के इतिहास को अच्छी तरह से विदेशी लोगों को समझा सकते हैं, तिब्बत में प्राप्त उपलब्धियों को दिखा सकते हैं, और भविष्य के लिये तिब्बत की योजना भी बना सकते हैं।
चीनी तिब्बत विज्ञान अनुसंधान केंद्र के अधीन तिब्बती चिकित्सा व दवा अनुसंधान प्रतिष्ठान के उप शोधकर्ता त्सेवांग पलजोर के विचार में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद तिब्बती चिकित्सा व दवा से जुड़े सुयोग्य व्यक्तियों के प्रशिक्षण, प्राचीन पुस्तकों और दस्तावेजों की संरक्षण व संग्रह, और बुनियादी व नैदानिक अनुसंधान में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई हैं। तिब्बती चिकित्सा व दवा को अच्छी तरह से विकसित व रक्षा की जाती है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS