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शी चिनफिंग ने जो बाइडेन से फोन पर वार्ता की

शी चिनफिंग ने जो बाइडेन से फोन पर वार्ता की

Updated on: 30 Jul 2022, 01:05 AM

बीजिंग:

28 जुलाई की शाम को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ फोन पर वार्ता की। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने चीन-अमेरिका संबंधों और समान चिंता के मुद्दों पर आदान-प्रदान किया।

शी चिनफिंग ने कहा कि वर्तमान में विश्व उथल-पुथल और परिवर्तन के रुझान विकसित हो रहे हैं। इस स्थिति के तहत, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और सभी देशों के जनता को उम्मीद है कि चीन और अमेरिका विश्व शांति और सुरक्षा बनाए रखने और वैश्विक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने में नेतृत्वकारी भूमिका निभाएंगे, जो चीन और अमेरिका की जिम्मेदारी भी है।

शी चिनफिंग ने जोर देते हुए कहा कि चीन को मुख्य प्रतिद्वंद्वी और सबसे गंभीर दीर्घकालिक चुनौती के रूप में देखे गए, जो चीन-अमेरिका संबंधों की गलत व्याख्या और चीन के विकास की गलत व्याख्या है और दोनों देशों के जनता और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करेगा। दोनों पक्षों को सभी स्तरों पर संचार बनाए रखना, मौजूदा संचार चैनलों का अच्छा उपयोग करना और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। अब वैश्विक आर्थिक स्थिति चुनौतियों से भरी है। चीन और अमेरिका को मैक्रो अर्थतंत्र नीति समन्वय, वैश्विक औद्योगिक व आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता बनाए रखने और वैश्विक ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा की सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों पर संचार बनाए रखना चाहिए। दोनों पक्षों को क्षेत्रीय गर्म मुद्दों को ठीक से हल करने के लिए बढ़ावा देना, दुनिया को जल्दी से महामारी से जीतने में मदद करनी, आर्थिक मंदी और गिरावट के जोखिमों से बाहर निकलने में सहायता करना, संयुक्त राष्ट्र के मूल में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कायम रखना चाहिए।

इसके अलावा, थाईवान मुद्दे पर शी चिनफिंग ने कहा कि तीन चीन-अमेरिका संयुक्त विज्ञप्तियां दोनों पक्षों की राजनीतिक प्रतिबद्धताएं हैं, और एक-चीन सिद्धांत चीन-अमेरिका संबंधों का राजनीतिक आधार है। चीन थाईवान स्वतंत्रता अलगाववाद और बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप का ²ढ़ता से विरोध करता है। अमेरिकी को एक-चीन सिद्धांत का पालन करना और तीन चीन-अमेरिका संयुक्त विज्ञप्तियों को लागू करना चाहिए।

उधर, बाइडेन ने कहा कि अमेरिका-चीन सहयोग न केवल दोनों देशों के जनता के लिए, बल्कि अन्य देशों के जतना के लिए भी लाभदायक है। अमेरिका चीन के साथ संवाद बनाए रखने, आपसी समझ बढ़ाने, गलतफहमी से बचने, मतभेदों को ठीक से प्रबंधित करने की उम्मीद है। बाइडेन ने दोहराया कि अमेरिका की एक-चीन नीति नहीं बदली है तथा न ही बदलेगी, और अमेरिका थाईवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता।

दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने यूक्रेन संकट पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और शी चिनफिंग ने चीन का रुख दोहराया।

दोनों राष्ट्राध्यक्षों का मानना है कि इस बार वार्ता स्पष्ट और गहन है, संपर्क में रहने के लिए सहमत हुए।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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