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डब्ल्यूएचओ को लोगों की अपील के अनुसार फोर्ट डेट्रिक लैब की पूरी तरह से जांच करनी चाहिए

डब्ल्यूएचओ को लोगों की अपील के अनुसार फोर्ट डेट्रिक लैब की पूरी तरह से जांच करनी चाहिए

Updated on: 28 Jul 2021, 09:00 PM

बीजिंग:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोरोनावायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के अगले चरण को अंजाम देने और लैब लीक की संभावना से इनकार न करने की योजना जारी करने के बाद अमेरिका के फोर्ट डेट्रिक लैब की जांच के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मांग बढ़ रही है।

अमेरिकी सरकार के सबसे गहरे प्रायोगिक केंद्र के रूप में जानी जाने वाली फोर्ट डेट्रिक लैब की जांच के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का मजबूत अनुरोध उचित और सही है।

जुलाई 2019 में, अमेरिका में लगभग एक साथ दो अत्यंत असामान्य घटनाएं घटित हुईं। अमेरिकी सेना ने अचानक फोर्ट डेट्रिक लैब को बंद कर दिया। ई-सिगरेट निमोनिया अमेरिका के कई राज्यों में दिखने को मिला और इसके लक्षण कोरोनावायरस के समान ही थे। बाहरी दुनिया अनुमान लगा रही है कि फोर्ट डेट्रिक लैब में एक संदिग्ध वायरस का रिसाव हुआ है, क्योंकि इस लैब को जापानी 731 यूनिट आक्रमणकारियों की कुख्यात आपराधिक विरासत मिली है। लैब में बड़ी संख्या में वायरस और बैक्टीरिया रखे हुए हैं, जो मनुष्यों के लिए बेहद खतरनाक हैं, और इतिहास में कई बार सुरक्षा घटनाओं के कई मामले सामने आये थे।

बाहरी लोगों के संदेह के बावजूद, अमेरिकी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के बहाने से और अधिक जानकारी जारी करने से इनकार कर दिया। इस तरह की पूर्वाग्रह इतनी बड़ी घटना के संदेह को कैसे दूर कर सकती है? इसके अलावा, अगर वुहान लैब की जांच की जा सकती है, तो फोर्ट डेट्रिक लैब की जांच क्यों नहीं की जा सकती? कोरोनावायरस ने मनुष्यों को भारी नुकसान पहुंचाया है। संबंधित महामारियों की उत्पत्ति को रोकने के लिए, कई देशों और स्थानों में जांच कार्य किया जाना चाहिए।

आज महामारी की वैश्विक ट्रेसिंग का चीनी हिस्सा समाप्त हो गया है। डब्ल्यूएचओ ने मार्च के अंत में जारी एक संयुक्त शोध रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला कि चीनी लैब से वायरस के लीक होने की अत्यंत संभावना नहीं है। अगर डब्ल्यूएचओ के अगले चरण में कोरोनावायरस की उत्पत्ति अभी भी लैब लीक की संभावना से इंकार नहीं करती है, तो संदिग्ध फोर्ट डेट्रिक लैब की जांच पहला विषय होना चाहिए। यह वैज्ञानिक अनुसंधान और दुनिया भर के लोगों की अपील है।

दुनिया सच्चाई जानना चाहती है और राजनीतिक जोड़-तोड़ का विरोध करती है। 26 जुलाई को सीजीटीएन थिंक टैंक द्वारा जारी ऑनलाइन जनमत संग्रह रिपोर्ट से साफ देखा जा सकता है। इसमें भाग लेने वाले वैश्विक नेटिजेन्स में 80 प्रतिशत तक का मानना था कि कोरोनावायरस की उत्पत्ति के मुद्दे का राजनीतिकरण किया गया है।

लोगों की रायों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। पूर्व से पश्चिम तक, लोग सोचते हैं कि अमेरिका को सबसे अधिक खोजा जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ को लोगों की राय का पालन करना चाहिए, फोर्ट डेट्रिक लैब समेत 200 से अधिक अमेरिकी विदेशी लैबों की अच्छी तरह से जांच की जानी चाहिए और अमेरिका में महामारी के स्रोत की अच्छी तरह से जांच होनी चाहिए, ताकि विज्ञान को जवाब दे और सच्चाई को दुनिया के सामने लेकर आये।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.