बच्चों की सुविधाओं के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है चीन
बच्चों की सुविधाओं के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है चीन
बीजिंग:
चीन सरकार ने हाल के वर्षों में व्यापक सुधार योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। इसका लक्ष्य देश में लोगों का जीवन खुशहाल बनाने की दिशा में काम करना है। अब इसी कड़ी में आगामी कुछ सालों में एक ऐसी योजना चलायी जाने वाली है, जिसका सीधा असर देश के बच्चों पर पड़ेगा। इसके लिए सौ बड़े शहरों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना गया है। इसके तहत इन शहरों के बुनियादी ढांचे व सार्वजनिक सेवाओं में सुधार किया जाएगा। जिसका केंद्र होंगे छोटे बच्चे, जिसमें उनके अनुकूल रहने की जगह और क्वालिटी सिटी डिवेलपमेंट पर खासा जोर रहेगा।हाल में राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिसमें इस योजना का उल्लेख किया गया था। इस आयोग के महासचिव चाओ छनशिन के मुताबिक जिस तरह से देश में शहरीकरण का चलन बढ़ रहा है, उसे देखते हुए बच्चों का शहरी माहौल में विशेष ध्यान रखना जरूरी हो गया है।
दस्तावेज में जोर देकर कहा गया है कि यह कार्यक्रम सामाजिक नीति निर्माण से लेकर सार्वजनिक सेवाओं के रोलआउट और रहन-सहन के वातावरण के निर्माण में बच्चों के अनुकूल ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा। माना जा रहा है कि यह प्रोग्राम साल 2035 तक देश के कम से कम आधे शहरों में दस लाख से अधिक नागरिकों को कवर करेगा, ताकि उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।
इस संबंध में अगले चार साल काफी अहम होंगे, क्योंकि इस अवधि में करीब सौ शहरों में शहरी बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार करने की योजना है। ताकि बच्चों के अनुकूल रहने की जगह और गुणवत्तापूर्ण शहरी विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
जैसा कि हम जानते हैं कि चीन में पिछले दिनों स्कूली बच्चों के ऊपर से पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए भी नए नियम जारी किए गए थे। साथ ही इस योजना में भी बच्चों का जीवन खुशहाल बनाने के लिए प्रावधान किया गया है। इसके परिणाम कुछ वर्षों के बाद सामने आएंगे, क्योंकि बच्चे देश का भविष्य होते हैं। अगर उनका बचपन अच्छा गुजरेगा तो अच्छा इंसान बनने व चुनौतियों से मुकाबला करने में सफल होंगे।
चीन में तमाम लोग काम के लिए घर से बाहर जाते हैं, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व उनकी अन्य सुविधाओं में कमी रह जाती है। इसके लिए सरकार ने डे-केयर आदि व्यवस्था भी शुरू की है, साथ ही किंडरगार्टन में पढ़ने वाले बच्चों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
मई महीने में चीन में हुई राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों पर गौर करें तो चीन में 14 वर्ष और उससे कम उम्र के 25.3 करोड़ बच्चे हैं, यह संख्या पड़ोसी देश भारत से कुछ कम है। भारत में इस उम्र के नौनिहालों की तादाद 36 करोड़ बतायी जाती है।
(अनिल आजाद पांडेय,चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
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