चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 22 सितंबर को वीडियो के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र द्वारा डरबन घोषण-पत्र और कार्रवाई कार्यक्रम जारी होने की 20वीं वर्षगांठ की स्मृति में आयोजित उच्चस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया और भाषण दिया।
वांग यी ने कहा कि डरबन घोषण-पत्र और कार्रवाई कार्यक्रम दुनिया का नस्लवाद विरोधी बैनर और सभी देशों की एक साझा प्रतिबद्धता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दस्तावेज के पारित होने की 20वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मृति सम्मेलन आयोजित किया। चीन इसका हार्दिक स्वागत करता है और ²ढ़ता के साथ समर्थन करता है।
उन्होंने कहा कि दास व्यापार और उपनिवेशवाद नस्लवाद के मुख्य स्रोत हैं। अफ्रीकी मूल और एशियाई मूल के लोग, साथ ही साथ आदिवासी अतीत में इनके शिकार थे, और वे अभी भी उनके परिणामों के वाहक हैं। संबंधित देश को कम से कम इस शर्मनाक इतिहास का सामना करने का साहस होना चाहिए। इन कृत्यों के कारण होने वाली पीड़े को खत्म करने के लिए कदम उठाना चाहिए और सभी प्रकार के नस्लवाद का विरोध करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
वांग यी ने आगे कहा कि चीन सभी देशों से शून्य सहिष्णुता वाले रवैया बनाए रखने, नस्लवाद का मुकाबला करने के लिए ठोस कानूनी ढांचा स्थापित करने का आग्रह करता है। चीन विभिन्न राष्ट्रों और अलग संस्कृतियों के बीच संवाद और आदान-प्रदान को मजबूत करने की वकालत करता है। चीन ने अपील की कि प्रत्येक लोगों का विकास का लाभ साझा करने को सुनिश्चित किया जाए। गरीबी, सामाजिक बहिष्कार, आर्थिक असमानता आदि नस्लवाद पैदा करने की जड़ को खत्म किया जाए।
चीनी विदेश मंत्री के मुताबिक, चीन विभिन्न देशों के साथ मिलकर नस्लवाद को पूरी तरह से खत्म करने, सभी लोगों की समानता वाली दुनिया के निर्माण करने के लिए अथक प्रयास करता रहेगा।
( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग )
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Source : IANS