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एशिया के सबसे तेज धावक सु पिंगथ्येन की सफलता का रास्ता

एशिया के सबसे तेज धावक सु पिंगथ्येन की सफलता का रास्ता

Updated on: 22 Sep 2021, 11:00 PM

बीजिंग:

21 सितंबर की रात शीआन ओलंपिक खेल स्टेडियम में चीनी राष्ट्रीय खेल समारोह में पुरुषों की 100 मीटर दौड़ का फाइनल मैच आयोजित हुआ। लगभग 20 हजार दर्शकों की वाहवाही और तालियों के बीच क्वांग तुंग प्रांत के मशहूर खिलाड़ी सु पिनथ्येन ने 9.95 सेकंड से खेल समारोह का रिकार्ड तोड़ कर खिताब जीता। यह दसवीं बार है कि उन्होंने 10 सेकंड के अंदर 100 मीटर की दौड़ पूरी की।

ध्यान रहे शु पिंगथ्येन एशिया में सबसे तेज दौड़ने वाले खिलाड़ी हैं। टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की सौ मीटर रेस के सेमीफाइनल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन कर 9.83 सेकंड से नया एशियाई रिकार्ड स्थापित किया और फाइनल में 9.98 सेकंड से छठा स्थान हासिल किया।

राष्ट्रीय खेल समारोह में यह 32 वर्षीय सु का पहला सौ मीटर स्वर्ण पदक है। इससे पहले उन्होंने वर्ष 2009 ,2013 और 2017 राष्ट्रीय खेल समारोहों में भाग लिया था ,लेकिन वे पहला स्थान प्राप्त करने में असफल रहे थे।

सु का जन्म अगस्त 1989 में दक्षिण चीन के क्वांगतुंग प्रांत के चोंग शान शहर में हुआ। मिडिल स्कूल में उन्होंने छोटी दूरी वाली दौड़ का अभ्यास शुरू किया। 15 वर्ष की आयु में उन्होंने चोंग शान मिडिल स्कूल खेल समारोह में भाग लेकर 100 मीटर का पहला स्थान प्राप्त किया। वर्ष 2007 में वे क्वांगतुंग प्रांत की एथलेटिक्स टीम में शामिल होकर एक पेशेवर खिलाड़ी बने। मई 2015 में अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स संघ डायमंड लीग की प्रतियोगिता में सु ने 9.99 सेकंड से तीसरा स्थान प्राप्त किया , जो सामान्य हवा की गति की स्थिति में 10 सेकंड के अंदर 100 मीटर पूरा करने वाले पहले स्थानीय एशियाई खिलाड़ी बने। उस साल वे विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश करने वाले पहले एशियाई खिलाड़ी भी बने। वर्ष 2018 जकार्ता एशियाड में उन्होंने 9.91 सेकंड से एशियाड का रिकार्ड तोड़ कर स्वर्ण पदक हासिल किया। उसी साल निमंत्रण पर वे क्वांग तुंग में स्थित छीनान विश्वविद्यालय के खेल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर बने।

सुन ने एक अध्ययन पेपर में अपनी सफलता के मुख्य कारणों की बात की थी। उनकी नजर में सबसे महत्वपूर्ण कारण वैज्ञानिक रूप से अभ्यास करना है। विश्वविख्यात अमेरिकी कोच रैंडी हंटिंगटन ने चीनी राजकीय खेल ब्यूरो के निमंत्रण पर वर्ष 2017 से सु को प्रशिक्षण देना आरंभ किया। हंटिंगटन ने हाई टेक उपकरणों और सामान से सु की तकनीक, शारीरिक शक्ति और बहाली समेत हरेक अंक की चौतरफा निगरानी की। सु के रोजमर्रा के अभ्यास में 19 उपकरणों का प्रयोग होता है। हंटिंगटन ने सु की कमियों को सुधारने की विशेष योजना बनायी। मशक्कत करने के बाद सु का सुधार स्पष्ट रूप से नजर आया। इसके अलावा वर्ष 2012 लंदन ओलंपिक के बाद चीनी शॉट दौड़ इवेंट में सात या आठ श्रेष्ठ खिलाड़ी उभरे। उनकी आपस में कड़ी प्रतिस्पर्धा से सु को बड़ी प्रेरणा मिली। तीसरा ,मजबूत लॉजिस्टिक्स गारंटी क्षमता। संबंधित विभागों ने उनका भरसक समर्थन दिया। इस के पीछे राष्ट्र की समग्र शक्ति की उन्नति का प्रतिबिंब भी जाहिर होता है।

(वेइतुंग ,चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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