परंपरागत चीनी चिकित्सा व औषधि का जादू
परंपरागत चीनी चिकित्सा व औषधि का जादू
बीजिंग:
22 अक्तूबर को विश्व पारंपरिक चिकित्सा व दवा दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1991 के 12 दिसंबर को विश्व से आए 42 देशों व क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने पेइचिंग में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पारंपरिक चिकित्सा व दवा महासभा में एकमत होकर हर साल के 22 अक्तूबर को विश्व पारंपरिक चिकित्सा व दवा दिवस निश्चित किया, साथ ही इसे पेइचिंग घोषणा पत्र में भी शामिल किया गया है।सभी लोग यह जानते हैं कि चीन व भारत दोनों पुरातन सभ्यता वाले देश है और दोनों देशों की सरकारें भी पारंपरिक चिकित्सा व दवा के विकास पर बड़ा ध्यान देती हैं। भारत में आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी आदि पारंपरिक चिकित्सा तरीका शायद आप खूब जानते होंगे, पर क्या आप को मालूम है कि चीन की औषधि, एक्यूपंक्च र, मालिश, छीकोंग और मार्शल आर्ट आदि रोगों को ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आधुनिक पुनर्वास चिकित्सा में, पारंपरिक चीनी चिकित्सा व दवा का इस्तेमाल एक आम तरीका बन चुका है।
बताया जाता है कि पारंपरिक चीनी चिकित्सा व दवा में हान जाति के अलावा अल्पसंख्यक जातियों की विशेष चिकित्सा व दवाएं भी शामिल हुई हैं। वह चीन के स्वास्थ्य कार्य में एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। इसका लंबा इतिहास, विशेष विचार-धाराएं और खास तकनीक व तरीके हैं, जिसमें चीनी जनता की महा बुद्धि छिपी हुई है।
चीन में चिकित्सा व दवा से जुड़ी सबसे पुरानी पुस्तकज्जशेननोंग मटेरिया मेडिका का संग्रहल्हान राजवंश में लिखी गयी थी, जिसे दो हजार वर्ष से अधिक हो गए हैं। थांग राजवंश में चीन सरकार द्वारा जारीज्जनया संशोधित मटेरिया मेडिकाल्विश्व में सब से पहला फामार्कोपिया है। और मिंग राजवंश के दवा विद्वान ली शीचेन ने प्रसिद्ध ज्मटेरिया मेडिका का संग्रह लिखा। इस में 16वीं शताब्दी से पहले के चिकित्सा व दवा से जुड़े बहुत ज्ञान शामिल हुए हैं। जिसने बाद में पारंपरिक चिकित्सा व दवा के विकास के लिये महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
बहुत दूर की बात छोड़कर केवल वर्तमान की स्थिति की चर्चा करें। तो चीनी औषधि ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम व चिकित्सा में अपनी खास भूमिका अदा की है। गौरतलब है कि जब चीन के वुहान शहर में महामारी की स्थिति बहुत गंभीर थी। तो वहां स्थित एक मॉड्यूलर अस्पताल में 564 हल्के लक्षण वाले रोगियों का इलाज किया जाता था। किसी रोगी की स्थिति गंभीर नहीं बनी। साथ ही सभी मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित नहीं हुए। क्योंकि इस अस्पताल ने पारंपरिक चीनी चिकित्सा व औषधि का इस्तेमाल किया। चीनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कमेटी के उच्च स्तरीय विशेषज्ञ दल के अध्यक्ष, चीनी इंजीनियरिंग अकादमी के अकादमीशियन चुंग नानशांग ने यूरोपीय श्वसन सोसायटी को कोविड-19 महामारी के मुकाबले में चीन द्वारा प्राप्त उपलब्धियों व अनुभवों का परिचय देते समय खास तौर पर इस बात की पुष्टि की कि अनुसंधान के अनुसार चीनी औषधि वायरस व सूजन की रोकथाम व चिकित्सा में कारगर है।
(चंद्रिमा- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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