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चीन को चारों ओर से घेरने की अमेरिका की नीति शर्मनाक और दयनीय

चीन को चारों ओर से घेरने की अमेरिका की नीति शर्मनाक और दयनीय

Updated on: 01 Aug 2021, 08:05 PM

बीजिंग:

हाल में अमेरिका के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने चीन और चीन के पड़ोसी देशों की यात्राएं कीं। अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन ने जापान, दक्षिण कोरिया, मंगोलिया और चीन की यात्रा की जबकि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत की यात्रा की और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन ने दक्षिण-पूर्वी एशियाई तीन देशों की यात्रा की।

अमेरिका के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रशांत सागर पार कर चीन के आसपास के देशों की यात्राएं कीं और तथाकथित हिन्द-प्रशांत रणनीति को आगे बढ़ाने की कोशिश की। चीन को चारों ओर से घेरने की अमेरिका की नीति वाकई शर्मनाक और दयनीय है।

हालांकि, अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन ने चीन यात्रा के दौरान कहा कि अमेरिका चीन के विकास को नहीं रोकना चाहता है, फिर भी तथ्यों से साबित हुआ है कि अमेरिका की कथनी-करनी में बहुत अंतर है। अमेरिका ने चीन के पड़ोसी देशों में चीनी धमकी का प्रसार करने का प्रयास किया और चीन और उन देशों के संबंधों को बर्बाद करने की पूरी कोशिश की।

हम देख सकते हैं कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत में समान क्षेत्रीय सुरक्षा लाभ का ढिंढोरा बजाकर हिन्द-प्रशांत रणनीति और चार देशों की क्वाड प्रणाली को आगे बढ़ाने की कोशिश की।

अमेरिका की उपरोक्त कार्रवाइयों को कई देश साफ-साफ देख सकते हैं और इसे स्वीकार भी नहीं करते हैं। सिंगापुर के शिक्षा मंत्री छन जनशंग ने कहा कि सिंगापुर जीरो-सेम प्रतियोगिता में शामिल नहीं होना चाहता है।

लेकिन दूर के रिश्तेदार पड़ोसियों की तरह अच्छे नहीं हो सकते। हाल में चीन और पड़ोसी देशों के बीच संबंध अच्छे हैं। शांति और विकास की खोज क्षेत्रीय देशों की समान अपील रही है।

हाल में चीन ने आरसीईपी की पहले पुष्टि की और आसियान देशों को कोविड-19 वैक्सीन प्रदान करने की हरसंभव कोशिश की। चीन ने यथार्थ कार्रवाई से अच्छे पड़ोसी, अच्छे मित्र और अच्छे साझेदारी का परिचय दिया है। अमेरिका की कुचेष्टा जरूर विफल होगी।

वास्तव में वेंडी शेरमन की मौजूदा चीन यात्रा के बाद दो सूचियां, तीन लाल रेखाएं और चार ठहराव वापस ला चुकी हैं। अमेरिकी अधिकारियों को चीन के बारे में संजीदगी से ख्याल करना चाहिए और चीन के खिलाफ गलत समझ और खतरा पैदा करने वाली नीति को बदलना चाहिए। एक स्वस्थ व स्थिर चीन-अमेरिका संबंध न केवल दोनों देशों के हितों में है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की समान प्रतिक्षा भी है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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