मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। मैं केवल 18 वर्ष की हूं, और मैंने तीन ओलंपिक पदक जीते हैं। यह शीतकालीन ओलंपिक में कभी नहीं हुआ। 18 फरवरी को पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक में आयोजित फ्रीस्टाइल स्कीइंग महिला यू-टर्न टिप्स इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने के बाद चीनी एथलीट कू आईलिंग ने यह बात कही।
18 तारीख की सुबह आयोजित प्रतियोगिता के दूसरे चरण में कू आईलिंग ने दो लगातार 900 डिग्री वाला मुश्किल ऐक्शन किया और फिर तीन ऐक्शन को सुचारू ढंग से पेश किया। अंत में उन्होंने 95.25 के स्कोर के साथ स्वर्ण जीता, यह चीनी प्रतिनिधिमंडल के लिए 8वां स्वर्ण पदक था।
कू आईलिंग ने दो स्वर्ण पदक और एक रजत पदक के साथ पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक की अपनी यात्रा समाप्त की। वह शीतकालीन ओलंपिक में तीन फ्रीस्टाइल स्कीइंग स्पर्धाओं में तीन पदक जीतने वाली पहली एथलीट भी बनीं।
गोल्ड जीतना कितना मुश्किल होता है, ये सिर्फ कू आईलिंग ही जानती है। पहली बार शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेते हुए उन्होंने तीन स्पर्धाएं खेलीं और उन सभी में फाइनल में पहुंची, और पुरस्कार मंच पर खड़ी रहीं। प्रत्येक प्रतियोगिता में अलग-अलग मुश्किलें और आश्चर्य होते हैं। इस 18 वर्षीय लड़की के सामने आने वाली चुनौतियों की कल्पना की जा सकती है।
मैं बस थोड़ी देर के लिए छोटे से अंधेरे कमरे में सोना चाहती हूं। फोन बंद करके बस लेटना चाहती हूं, और कुछ भी नहीं देखना चाहती।
साथ ही उन्होंने कहा कि मैं सबकी उम्मीदों और मेरे लिए प्यार के काबिल हूं। हालांकि चेहरा थका हुआ था, फिर भी मीडिया के सामने कू आईलिंग ने अपनी आत्मविश्वास से भरी मुस्कान दिखाई।
कू आईलिंग को स्वर्ण पदकों के अर्थ की एक अनूठी समझ है। उन्होंने कहा कि पदक प्राप्त करना शायद उनके जीवन का सबसे खुशनुमा क्षण(सेकंड) था, लेकिन उन अन्य सेकंडों, घंटों, दिनों और वर्षों के बारे में क्या ? इस खेल ने उसके विकास को बढ़ावा दिया है, सिखाया कि गिरने के बाद खड़ा होकर फिर चुनौती देना जारी रखें।
शीतकालीन ओलंपिक ने उन्हे एक सबसे अच्छा मंच प्रदान किया, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। कू आईलिंग के विचार में यही उसके दिल में सबसे बड़ा स्वर्ण पदक है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS