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चीन से डिकप्लिंग जर्मनी और यूरोपीय संघ के लिए सही विकल्प नहीं : मर्केल

चीन से डिकप्लिंग जर्मनी और यूरोपीय संघ के लिए सही विकल्प नहीं : मर्केल

Updated on: 18 Nov 2021, 08:15 PM

बीजिंग:

जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने 17 नवंबर को रॉयटर्स को दिये एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि चीन के साथ जर्मनी और यूरोपीय संघ के सहयोग पर वे मानती हैं कि सार्वभौमिक डिकप्लिंग सही विकल्प नहीं है। इससे जर्मनी और यूरोपीय संघ को नुकसान होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि जर्मनी और यूरोपीय संघ को चीन के साथ अपना सहयोग जारी रखना चाहिए और एक दूसरे से सीखना चाहिए।

यह विशेष साक्षात्कार इस पृष्ठभूमि में किया गया है कि जर्मन आम चुनावों के बाद अगली संघीय सरकार का गठन पूरा नहीं हुआ है। मर्केल, जिन्होंने चांसलर के रूप में अपना चौथा कार्यकाल समाप्त कर लिया है, जर्मन कार्यवाहक कैबिनेट के चांसलर के रूप में शासन कर रही हैं।

रॉयटर्स ने बताया कि चांसलर के रूप में मर्केल के कार्यकाल में, चीन 2016 से दुनिया में जर्मनी का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया, और चीन के तेज आर्थिक विकास ने भी जर्मनी के आर्थिक विकास में शक्ति लगायी।

जर्मनी-चीन सहयोग पर लगे कुछ आरोपों के बारे में मर्केल ने बताया कि जर्मनी और यूरोपीय संघ को चीन के साथ अपना सहयोग जारी रखना चाहिए और एक-दूसरे से सीखना चाहिए।

मर्केल का मानना है कि सार्वभौमिक डिकप्लिंग सही विकल्प नहीं है। इससे जर्मनी और यूरोपीय संघ को नुकसान होगा। उन्होंने यह भी बताया कि वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में डिकप्लिंग को नहीं चुना जाना चाहिए, क्योंकि चीनी वैज्ञानिक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान प्रणाली का हिस्सा हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी सुरक्षा की चर्चा करते हुए, मर्केल ने कहा कि जर्मनी के मौजूदा दूरसंचार कानून में कुछ विशिष्ट निर्माताओं को बाहर करने की संभावना है, लेकिन उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि उन्हें लगता है कि शुरू से ही एकल कंपनियों को बाहर नहीं करना चाहिए। हमें एक खुली प्रणाली चाहिए, जो हर कंपनी को देखते समय समान मानकों का उपयोग करती है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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