आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मानवाधिकारों की रक्षा करता है चीन का शिनच्यांग
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मानवाधिकारों की रक्षा करता है चीन का शिनच्यांग
बीजिंग:
चीन के शिनच्यांग उईगुर स्वायत्त प्रदेश ने 17 नवंबर को पेइचिंग में शिनच्यांग मुद्दे से संबंधित 60वां संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। इस दौरान शिनच्यांग की जन सरकार के न्यूज प्रवक्ता श्य्वी क्वेइश्यांग ने कहा कि विभिन्न जातियों के लोगों के जीवन अधिकार, स्वास्थ्य अधिकार, विकास अधिकार सहित बुनियादी अधिकारों की गारंटी देने के लिए शिनच्यांग ने सिलिसिलेवार मजबूत और कारगर आतंक-रोधी कदम उठाए, जिससे आतंकी गतिविधियों पर रोक लगी और शिनच्यांग में लगातार 5 सालों में कोई हिंसक आतंकी घटना नहीं हुई, यह उल्लेखनीय परिणाम है।प्रवक्ता श्य्वी ने कहा कि चीन का शिनच्यांग अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून की मांगों का कड़ाई से पालन करता है, आतंकवाद के विरोध और मानवाधिकार की गारंटी के बीच संतुलन को बहुत महत्व देता है। विभिन्न जातीय लोगों के मूल अधिकारों पर प्रतिबंधों की घटना को पूरी तरह से रोकता है, और लोगों के कानून के अनुसार व्यापक अधिकारों और स्वतंत्रता का आनंद लेने और सामान्य सामाजिक जीवन बिताने की गारंटी देता है।
उन्होंने कहा कि चीन का शिनच्यांग आतंकवाद-रोधी और चरमपंथी-रोधी संघर्ष करता है, जिसका उद्देश्य विभिन्न जातियों के लोगों को आतंकवाद से बचाने के लिए है, लेकिन अमेरिका के तथाकथित आतंकवाद के विरोध के पीछे राजनीतिक हितों की सेवा और आधिपत्य स्थान हासिल करने का लक्ष्य है।
वहीं, एक और प्रवक्ता इलिजान अनायित ने कहा कि अमेरिका ने 20 साल तक आतंकवाद विरोधी लड़ाई लड़ी, लेकिन अंत में विफल हुआ। इसकी जड़ यह है कि अमेरिकी आतंकवाद का विरोध एक राजनीतिक उपकरण है। उसका उद्देश्य लोगों की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि अमेरिकी हितों की रक्षा करने और विचारधारा के आउटपुट के लिए है।
इलिजान अनायित ने कहा कि अमेरिका द्वारा आतंकवाद विरोधी युद्ध शुरू करने के चार उद्देश्य हैं। पहला, वैश्विक आधिपत्य के स्थान को तलाशना। दूसरा, आर्थिक और वित्तीय हितों को प्राप्त करना। तीसरा, विचारधारा और मूल्य अवधारणा का निर्यात करना और चौथा, सैन्य ताकत और खतरों की निरंतरता बनाए रखना।
संवाददाता सम्मेलन में शिनच्यांग विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मिलेहाबा ओरान ने कहा कि अमेरिका खुद को मानवाधिकारों के संरक्षक के रूप में मानता है, लेकिन वह मानवाधिकार का उल्लंघन करने वाला विश्व चैंपियन है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकवाद विरोध के नाम पर मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है। 2017 में, उसने विदेशी आतंकवादियों के अमेरिका में प्रवेश को रोकने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा योजना नामक एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसके तहत इराक, सीरिया, ईरान, सूडान, सोमालिया, यमन और लीबिया आदि देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। आतंकवाद को विशिष्ट देशों, क्षेत्रों और धर्मों के साथ जोड़ने की इस प्रथा की अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में व्यापक आलोचना हुई है।
प्रोफेसर मिलेहाबा ओरान ने कहा कि प्यू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में 52 प्रतिशत मुसलमान सरकारी निगरानी में हैं, 28 प्रतिशत मुसलमानों को संदिग्ध माने जाने का अनुभव है, और 21 फीसदी मुसलमानों ने दावा किया कि हवाई अड्डे पर उनकी व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा जांच की गई थी।
( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग )
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
-
Lok Sabha Election 2024: एक्ट्रेस नेहा शर्मा ने बिहार में दिया अपना मतदान, पिता के लिए जनता से मांगा वोट
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
धर्म-कर्म
-
Vaishakh month 2024 Festivals: शुरू हो गया है वैशाख माह 2024, जानें मई के महीने में आने वाले व्रत त्योहार
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर बनेगा गजकेसरी योग, देवी लक्ष्मी इन राशियों पर बरसाएंगी अपनी कृपा
-
Pseudoscience: आभा पढ़ने की विद्या क्या है, देखते ही बता देते हैं उसका अच्छा और बुरा वक्त
-
Eye Twitching: अगर आंख का ये हिस्सा फड़क रहा है तो जरूर मिलेगा आर्थिक लाभ