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चीन के शिगात्से में होगा 18वां माउंट एवरेस्ट सांस्कृतिक पर्यटन महोत्सव

चीन के शिगात्से में होगा 18वां माउंट एवरेस्ट सांस्कृतिक पर्यटन महोत्सव

Updated on: 17 Jun 2023, 10:00 PM

बीजिंग:

छिंगहाई-तिब्बत पठार के दक्षिण-पश्चिम में स्थित शिगात्से का तिब्बती भाषा में अर्थ सबसे सुंदर जागीर है। यह तिब्बती संस्कृति के जन्मस्थानों में से एक है, और 600 से अधिक वर्ष के इतिहास वाला एक राष्ट्रीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर है। शिगात्से तिब्बती बौद्ध धर्म के पंचेन लामा का निवास स्थान, माउंट एवरेस्ट का गृहनगर और यारलुंगजंग्बो नदी का उद्गम स्थल है, इसे हजारों पहाड़ों के पूर्वज और हजारों पानी के स्रोत के रूप में जाना जाता है।

18 से 25 जून 2023 तक माउंट एवरेस्ट का गृहनगर और शुभ शिगात्से की थीम वाला 18वां एवरेस्ट संस्कृति पर्यटन महोत्सव शिगात्से में आयोजित किया जाएगा। इस सात दिवसीय महोत्सव में तिब्बती ओपेरा गायन प्रतियोगिता, गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत नृत्य प्रदर्शन, सुलेख, पेंटिंग और फोटोग्राफी विनिमय प्रदर्शनी के आयोजन के अलावा, विशेष कृषि उत्पादों, पशुधन उत्पादों, जातीय हस्तशिल्प, कपड़ा उत्पादों, गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री की जाएगी। साथ ही, एवरेस्ट स्वाद खाद्य उत्सव, सुप्रीम लव एवरेस्ट शादी आदि कई गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस तरह मौजूदा संस्कृति और पर्यटन महोत्सव में कला, इतिहास, भोजन, जातीय रीति-रिवाज, प्राकृतिक परि²श्य आदि तत्व एकीकृत होंगे, जो बहुत ही देखने योग्य है।

बता दें कि शिगात्से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, यहां पर्यटन संसाधन प्रचुर है और संस्कृति का लंबा इतिहास है। आंकड़ों के अनुसार, शिगात्से में विभिन्न प्रकार के पर्यटन संसाधन 300 से अधिक है, जिनमें पहले स्तर के पर्यटन क्षेत्रों की संख्या 60 है। इसके साथ ही, इस शहर में मानविकी और सांस्कृतिक संसाधन समृद्ध हैं, यहां 238 गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत परियोजनाएं हैं। त्वेश्ये, च्याश्ये आदि गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत गीत-नृत्यों के अलावा, तामा महोत्सव और वांगक्वो महोत्सव जैसे पारंपरिक त्योहार भी हैं।

18वें एवरेस्ट संस्कृति पर्यटन महोत्सव में आगंतुक तिब्बती ओपेरा की मधुर धुन सुन सकते हैं और त्वेश्ये गीत-नृत्य का लुत्फ उठा सकते हैं। इसके साथ ही, गगनचुंबी माउंट एवरेस्ट, यारलुंगजंग्बो नदी, विश्वविख्यात ताशिलहुनपो मठ, भावुक करने वाले पारंपरिक गीत-नृत्य, और अद्वितीय तिब्बती जातीय रीति-रिवाज अनगिनत देसी-विदेशी पर्यटकों को शिगात्से में रुकने और रहने के लिए आकर्षित करते हैं।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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