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पिछले कुछ शीतकालीन ओलंपिक शुभंकरों में किस जानवर की छवि सबसे अधिक दिखाई दी ?

पिछले कुछ शीतकालीन ओलंपिक शुभंकरों में किस जानवर की छवि सबसे अधिक दिखाई दी ?

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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चूंकि वर्ष 1968 में ग्रेनोबल शीतकालीन ओलंपिक में सबसे पहले शीतकालीन ओलंपिक शुभंकर को डिजाइन किया गया था। इससे लोग हर बार के शीतकालीन ओलंपिक के शुभंकर के बारे में बहुत आकर्षित होते हैं।

1988 के कैलगरी शीतकालीन ओलंपिक के शुभंकर ध्रुवीय भालू भाई-बहनों की एक प्यारी जोड़ी है। भालू भाई ने नीली बनियान पहनी और बहन ने पीले रंग की रिम के साथ एक सुंदर नीली स्कर्ट। दोनों भालू लाल और सफेद टोपी पहने हैं, जो कनाडा के झंडे के रंग हैं।

2002 साल्ट लेक शहर शीतकालीन ओलंपिक शुभंकरों में हिम खरगोश, प्रेयरी भेड़िया और अमेरिकी काला भालू तीनों अलग-अलग जानवरों की छवि शामिल है, ये तीनों जानवर उस समय और तेज, और ऊंचा, और बलवान के ओलंपिक आदर्श वाक्य का प्रतिनिधित्व करते थे।

2010 वैंकूवर शीतकालीन ओलंपिक के शुभंकर सफिर्ंग पसंद करने वाला एक कनाडाई सफेद भालू मिगा और आइस हॉकी पसंद करने वाला सास्काच क्वैची थे। मिगा की छवि कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में रहने वाले अद्वितीय सफेद भालू से आयी, जबकि क्वैची स्थानीय कथाओं के अनुसार एक उत्तरी अमेरिकी सास्काच है, जिसकी लंबी भूरी दाढ़ी है, जो ठंड से बचने के लिए नीले ईयरमफ पहने हुए है।

2014 सोची शीतकालीन ओलंपिक शुभंकरों में ध्रुवीय भालू, हिम तेंदुआ और खरगोश आदि तीन जानवरों की छवि शामिल है। रूस में प्यारा ध्रुवीय भालू बहुत लोकप्रिय है। वहीं, 1980 मास्को ग्रीष्मकालीन ओलंपिक का शुभंकर भी एक भालू था। बहुत से लोग मानते हैं कि 2014 सोची शीतकालीन ओलंपिक का शुभंकर भी मास्को ओलंपिक के लिए रूसी लोगों की पुरानी यादों का प्रतीक है।

उल्लेखनीय है कि 2018 के प्योंगचांग शीतकालीन पैरालंपिक खेल के शुभंकर की छवि बंदाबी नामक एक एशियाई काला भालू है, जो ²ढ़ इच्छाशक्ति और साहस का प्रतीक है। बंदाबी के जरिए पूरी दुनिया को पैरालंपिक खेलों की ²ष्टि और मूल्य बताए गए। उसके दौरान बंदाबी गुड़िया और उसकी छवि के साथ मुद्रित वस्तुएं दर्शकों के लिए पसंदीदा स्मृति चिन्हों में से एक बन गयी।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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