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चीन की महामारी-रोधी नीतियों से विश्व की औद्योगिक श्रृंखला की स्थिरता सुनिश्चित

चीन की महामारी-रोधी नीतियों से विश्व की औद्योगिक श्रृंखला की स्थिरता सुनिश्चित

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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कुछ लोग ऐसे होते हैं कि जब चीन ने महामारी की गंभीर स्थितियों के प्रति सख्त नीति पर जोर दिया, तो उन्होंने चीन को दोषी ठहराया। लेकिन जब चीन ने महामारी के बदलाव के अनुसार नीतियों का समायोजन किया, तो उन्हों ने फिर चीन पर आरोप लगाया। इसका मतलब है कि चाहे चीन कुछ अच्छा भी करे, तो वे चीन की निंदा करते रहेंगे। लेकिन तथ्य यही है कि चीन की महामारी-रोधी नीतियां विश्व में औद्योवगिक और आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए मददकार हैं।

पिछले तीन वर्षो में चीन ने अपने यहां महामारी के व्यापक प्रसार को सफलतापूर्वक टाल दिया है, और बीमारी की मृत्यु दर को कम किया है। कोविड-19 जैसे अभूतपूर्व महामारी के प्रति सख्ती से नीतियां अपनाना आवश्यक है, और वायरस की विषाक्तता कमजोर होने के बाद अर्थव्यवस्था के सामान्य संचालन को सुनिश्चित करने के लिए नीतियों को समायोजित करना भी आवश्यक है। यह सबसे वैज्ञानिक और उचित उपाय है। चीन सरकार ने लोगों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा करने और अर्थव्यवस्था के सामान्य विकास को सुनिश्चित करने के लिए महामारी के विभिन्न चरणों में उचित उपाय किए हैं। इससे महामारी के सबसे गंभीर होने के समय चीन ने आर्थिक वृद्धि कायम की, और चीन का आयात-निर्यात भी हमेशा सामान्य रहा। यह कहा जा सकता है कि विश्व व्यापार के 15 फीसदी और विनिर्माण के 30 फीसदी हिस्से के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में, चीन के वैज्ञानिक महामारी निवारण उपायों ने दुनिया की औद्योगिक श्रृंखला की स्थिरता सुनिश्चित की है।

जब किसी जगह महामारी फैलने लगा, तो चीनी सरकार ने महामारी को जल्दी से नियंत्रित करने के लिए निर्णायक कदम उठाए, ताकि महामारी की रोकथाम तथा आर्थिक विकास के बीच सबसे अच्छा संतुलन तलाश कर सके। साथ ही अपनी खुद की अर्थव्यवस्था को स्थिर करते हुए चीन ने अन्य देशों, विशेष रूप से विकासशील देशों को बड़ी मात्रा में वैक्सीन और चिकित्सा आपूर्ति प्रदान की है।

साल 2021 में जब महामारी की स्थिति सबसे गंभीर रही, तब भी चीन की आर्थिक विकास दर 8.1 फीसदी तक रही, और इसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी 12,551 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई, जो उच्च आय वाले देशों के लिए विश्व बैंक के मानक के करीब है। 2021 में, चीन की जीडीपी विश्व के 18 फीसदी भाग तक रहा, आयात-निर्यात रक्म 60 खरब अमेरिकी डॉलर तक रही और विश्व आर्थिक विकास में इसका योगदान 25 फीसदी तक पहुंच गया। जनवरी से नवंबर 2022 तक, चीन के आयात-निर्यात में 8.6 फीसदी की वृद्धि हुई, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था की वसूली और विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान मिला।

जब महामारी ने वैश्विक बाजार को प्रभावित किया, तो चीन कई अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के लिए सुरक्षित आश्रय बन गया, और चीन में विदेशी पूंजी का प्रवाह काफी बढ़ गया। उदाहरण के लिए अमेरिकी कंपनी टेस्ला ने हाल के वर्षो में उत्पादन क्षमता का विस्तार करने के लिए चीन में लगातार भारी निवेश किया है। जुलाई 2022 तक, टेस्ला शांघाई संयंत्र ने वैश्विक उपयोगकर्ताओं को कुल 323,000 वाहन वितरित किए हैं।

टेस्ला जैसी बड़ी संख्या में बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन के विभिन्न नवाचार केंद्रों में बस गई हैं। वे चीनी अर्थव्यवस्था के दीर्घकालिक ध्वनि मूल सिद्धांतों में दृढ़ता से विश्वास करते हैं। इसी समय, चीन का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2020 में 153.71 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो दुनिया में पहले स्थान पर है, और वैश्विक हिस्सेदारी का 20.2 फीसदी हिस्सा है। जनवरी से नवंबर 2022 तक, चीन की सेवा आयात-निर्यात मात्रा भी 5,404.61 अरब बिलियन युआन तक रही, जो 15.6 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर्ज हुई।

कोविड-19 महामारी का विश्व अर्थव्यवस्था पर बहुत प्रभाव पड़ा है, और इसने अंतर्राष्ट्रीय औद्योगिक श्रृंखला के पुनर्गठन को जन्म दिया है। उधर, कुछ उत्पादन क्षमता चीन से अन्य विकासशील देशों में स्थानांतरित किया जा रहा है। पर दीर्घकालिक दृष्टिकोण से यह चीन और दुनिया के लिए विनिर्माण उद्योग को उन्नत करने और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता को बढ़ाने का एक नया अवसर है। चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था के स्वस्थ विकास को बनाए रखते हुए वैश्विक औद्योगिक श्रृंखला और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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