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गरीबी उन्मूलन की चुनौती से कैसे निपटा चीन

गरीबी उन्मूलन की चुनौती से कैसे निपटा चीन

Updated on: 14 Aug 2021, 07:45 PM

बीजिंग:

जब वर्ष 1949 में नए चीन की स्थापना हुई, उस समय का चीन गरीबी व विभिन्न संकटों से घिरा हुआ था। लोगों के लिए दो वक्त का भोजन जुटाना भी बहुत मुश्किल भरा काम था। लेकिन चीन लोक गणराज्य बनने के बाद चीन में माहौल बदलने लगा। क्योंकि अब चीन सामंती जकड़नों से आजाद हो चुका था। इस दौरान भी लोगों का जीवन बेहतर करने के लिए प्रयास जारी थे। लेकिन चीनी नागरिकों के जीवन में असली बदलाव सुधार व खुले द्वार की नीति लागू होने के बाद हुआ। अस्सी के दशक से ही चीन ने अपने विकास की रफ्तार से दुनिया को आश्चर्य में डाला। इस दौरान चीन ने हर क्षेत्र में व्यापक रूप से ध्यान दिया, बात चाहे स्वास्थ्य सुविधाओं की हो, शिक्षा के स्तर की या फिर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्च र खड़ा करने की। चीन ने विश्व के सम्मुख एक उदाहरण स्थापित किया है।

इस बीच चीन ने खुशहाल समाज के निर्माण और चीन में मानवाधिकार की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 2020 के आखिर तक चीन में 9 करोड़ 89 लाख 90 हजार लोगों को गरीबी के दलदल से बाहर निकाला गया। जिससे जाहिर होता है कि चीन ने गरीबी की समस्या को हल करने में कितनी गंभीरता दिखायी है।

इतना ही नहीं चीन ने सुधार व खुलेपन की नीति लागू होने के बाद 77 करोड़ से अधिक नागरिकों को गरीबी से मुक्ति दिलायी है। जो कि पूरे विश्व में गरीबी से बाहर निकले लोगों का 70 फीसदी से ज्यादा है।

गौरतलब है कि चीन ने गरीबी के खात्मे को अपना मिशन बनाया। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इसके तहत पिछड़े और गरीब इलाकों का दौरा भी किया था। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति सुधार कर उन्हें खुशहाल बनाया जाय। राष्ट्रपति शी के नेतृत्व में चीन ने गरीबी उन्मूलन का अभियान चलाया, जिसे पूरे विश्व ने देखा है। चीन ने निर्धारित समय से पहले ही देश से अति गरीबी की समस्या का हल कर दिया है। जो कि कोरोना महामारी के दौर में एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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