Advertisment

शांगहाई भावना का विकास करें और एससीओ बुद्धि का योगदान करें

शांगहाई भावना का विकास करें और एससीओ बुद्धि का योगदान करें

author-image
IANS
New Update
New from

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

15 जून 2001 को, शांगहाई में एक अंतरराष्ट्रीय संगठन की स्थापना हुई, जिसका नाम चीनी शहर के नाम पर रखा गया और जिसका सचिवालय चीन में स्थित है। चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान समेत छह देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) की स्थापना के घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसने इस क्षेत्र के देशों के स्थिरता की तलाश करने और एक साथ विकास को बढ़ाने के लिए नई यात्रा की शुरूआत की।

पिछले 21 वर्षों में, एससीओ विकास के एक असाधारण दौर से गुजरा है। पहले के 6 सदस्य देशों से लेकर आज के 8 सदस्य देशों, 4 पर्यवेक्षक देशों और 6 संवाद साझेदारों तक, दुनिया के सबसे बड़े और सबसे अधिक आबादी वाले व्यापक क्षेत्रीय सहकारी संगठन के रूप में एससीओ यूरेशिया और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में एक अहम रचनात्मक शक्ति बन गया है।

एससीओ के मूल मूल्य और सामान्य अवधारणा के रूप में, शांगहाई भावना भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एससीओ द्वारा स्थापित एक बैनर है। शांगहाई भावना के मार्गदर्शन में सदस्य देश शांगहाई सहयोग संगठन के चार्टर, और शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के बीच दीर्घकालिक अच्छे-पड़ोसी, मित्रता और सहयोग पर संधि में निर्धारित उद्देश्यों और सिद्धांतों का पालन करते हैं, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और व्यापार, और संस्कृति आदि क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करते हैं। इससे एससीओ क्षेत्रीय देशों के लिए सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने, विकास और समृद्धि को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनाया गया और आपसी सम्मान, निष्पक्षता और न्याय, सहयोग व उभय जीत की विशेषता वाले एक नए प्रकार के अंतरराष्ट्रीय संबंधों का मॉडल तैयार किया गया।

संस्थापक सदस्य देशों में से एक के रूप में चीन हमेशा एससीओ के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहा है और विचारों और कार्यों के साथ शांगहाई भावना के समकालीन अर्थ को लगातार समृद्ध करता है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा था कि शांगहाई सहयोग संगठन हमेशा सहयोग की मजबूत जीवित शक्ति और प्रेरक शक्ति बनाए रखता है। इसका मूल कारण यह है कि वह रचनात्मक रूप से शांगहाई भावना पेश किया, जो पारस्परिक विश्वास, आपसी लाभ, समानता, परामर्श, विविध सभ्यताओं के सम्मान, समान विकास की वकालत करता है।

एससीओ, जिसे 20 साल हो चुके हैं, अब विकास के तीसरे दशक के शुरूआती बिंदु पर है, जिसमें अवसर और चुनौतियां दोनों मौजूद हैं। वर्तमान में, वैश्विक और क्षेत्रीय शासन प्रणाली को फिर से आकार देने के महत्वपूर्ण चरण में, एससीओ को शांगहाई भावना का पालन करना जारी रखना चाहिए, व्यापक परिप्रेक्ष्य के साथ क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में भाग लेना चाहिए और सक्रिय रूप से एकजुटता, सहयोग, खुलेपन व उभय जीत, समावेशिता और आपसी सीख के नये प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का निर्माण करना चाहिए, और क्षेत्रीय स्थिरता और विकास में अद्वितीय एससीओ बुद्धि का योगदान देना चाहिए।

(मीनू)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment