साउथ चाइना मॉनिर्ंग पोस्ट अखबर ने हाल ही में एक लेख प्रकाशित किया है, जिसमें कहा गया है कि चीन के प्रति अमेरिकी व्यापार युद्ध विफल रहा। इससे चीन पर अमेरिका की निर्भरता कम नहीं हुई, साथ ही वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को इसने अधिक जटिल और नाजुक बना दिया।
लेख में कहा गया है कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध निस्संदेह परामर्श कंपनियों, वकील कार्यालयों और शिपिंग कंपनियों को लाभान्वित कर रहा है, जो चीनी निर्यातकों और अमेरिकी आयातकों को टैरिफ से बचने के समाधान की खोज करने में मदद कर रहे हैं। लेकिन ये समाधान वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को जटिल बना रहे हैं।
लेख में कहा गया है कि कुछ अमेरिकी कंपनियों ने अपने कुछ उत्पादन को चीन से वियतनाम जैसे देशों में स्थानांतरित किया, ताकि लेबल मेड इन चाइना से मेड इन वियतनाम में बदल सके। और अन्य अमेरिकी कंपनियों ने अपने उत्पादों की अंतिम असेंबली प्रक्रिया का स्थान बदल दिया है।
लेख में कहा गया है कि चीन के प्रति अमेरिकी व्यापार युद्ध विफल रहा है और इसका नकारात्मक परिणाम हुआ है। वास्तविकता यह है कि अमेरिका चीन से आयातित उत्पादों पर निर्भर रहना जारी रखेगा। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी और फरवरी में चीन से अमेरिकी आयात का मूल्य और व्यापारिक प्रतिकूल संतुलन दोनों महामारी से पहले के स्तर पर बहाल हो गये।
लेख में कहा गया है कि अधिकांश अर्थशास्त्री इस विचार से सहमत हैं कि चीनी उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाना अप्रभावी है। चीनी उत्पादों पर शुल्कों ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिकी उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाया है। सबसे बुरी बात यह है कि इससे अमेरिका में 2 लाख 45 हजार नौकरियां खत्म हुईं और मुद्रास्फीति में इजाफा हुआ। लेख का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को यह महसूस करने की जरूरत है कि इस व्यापार युद्ध में कोई विजेता नहीं है और इसे त्यागने का समय आ गया।
(साभार--चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
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Source : IANS