आपसी लाभ और जीत, हाथ मिलाकर अधिक समृद्ध व सामंजस्यपूर्ण एपेक परिवार का सह-निर्माण करें

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग संगठन (एपेक) का अनौपचारिक शिखर सम्मेलन 12 से 13 नवंबर को आयोजित होगा। एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक विकास, सहयोग, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में एपेक क्षेत्रीय व्यापार और निवेश उदारीकरण को बढ़ावा देने और सदस्यों के बीच आर्थिक व तकनीकी सहयोग को मजबूत करने में एक अपरिहार्य भूमिका निभाता है।

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एपेक की स्थापना वर्ष 1989 में हुई, वर्तमान में इसके 21 सदस्य और 3 पर्यवेक्षक हैं। इस संगठन का उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सतत आर्थिक विकास और समृद्धि का समर्थन करना, एक जीवन शक्ति से ओतप्रोत और सामंजस्यपूर्ण एशिया-प्रशांत परिवार का निर्माण करना, मुक्त और खुले व्यापार व निवेश की रक्षा करना, क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाना, आर्थिक व तकनीकी सहयोग को प्रोत्साहित करना, लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना, और बेहतर व सतत वाणिज्यिक माहौल की स्थापना को बढ़ावा देना है।

नवंबर 1991 में एक संप्रभु देश के रूप में चीन, चीन का थाईपे और हांगकांग (1 जुलाई 1997 से चीन के हांगकांग का नाम बदल गया) क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं के नाम पर एपेक में औपचारिक तौर पर में शामिल हुए। इस साल एपेक में चीन के शामिल होने की 30वीं वर्षगांठ है।

पिछले 30 सालों में चीन हमेशा एपेक में एक सक्रिय भागीदार और योगदानकर्ता रहा है, और एशिया-प्रशांत परिवार के निर्माण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चीनी नेताओं ने सभी एपेक नेताओं के अनौपचारिक सम्मेलनों में भाग लिया है। उन्होंने वैश्विक और क्षेत्रीय स्थिति, एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय सहयोग और एपेक के भविष्य के विकास जैसे प्रमुख मुद्दों पर अपने विचारों और प्रस्तावों की व्याख्या की और पिछले सम्मेलनों के सफल आयोजन में सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाई।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र चीन की विदेशी अर्थव्यवस्था और व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन है। चीन के कुल विदेशी व्यापार और विदेशी निवेश का अधिकांश हिस्सा एपेक सदस्यों से है। चीन के विकास को क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था से लाभ पहुंचा है, इसके साथ ही चीन के विकास ने भी एपेक में अद्वितीय जीवन शक्ति और प्रेरक शक्ति का संचार किया है।

वर्तमान में एकपक्षवाद, व्यापार संरक्षणवाद और वैश्वीकरण विरोधी विचारधारा बढ़ रही है। कोविड-19 महामारी और सदी के व्यापक परिवर्तन से प्रभावित होकर असंतुलित और अपर्याप्त वैश्विक विकास की समस्या ज्यादा गंभीर हो गई है। महामारी के प्रभाव का सामना करने और आर्थिक बहाली को बढ़ावा देने में व्यापार की भूमिका महत्वपूर्ण है। कोरोना महामारी के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का समर्थन करने के लिए एपेक को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक ही आवाज निकालने की आवश्यकता है। सभी अर्थव्यवस्थाओं को महामारी से लड़ने, क्षेत्रीय औद्योगिक श्रृंखला और आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा बनाए रखने और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था की स्थिर बहाली व स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। आपसी लाभ और उभय जीत की प्राप्ति के लिए एपेक के सदस्यों को हाथ मिलाकर अधिक समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण एपेक परिवार का सह-निर्माण करने की आवश्यकता है।

(थांग युआनक्वेइ, चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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