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चीन में पिछले एक दशक में काफी बढ़ चुकी है हरियाली

चीन में पिछले एक दशक में काफी बढ़ चुकी है हरियाली

Updated on: 27 Aug 2021, 06:45 PM

बीजिंग:

चीन में लगातार पर्यावरण संरक्षण पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है। चीन की राजधानी पेइचिंग का उदाहरण दें तो कभी यह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक होता था। लेकिन अब यहां स्थिति काफी अच्छी हो चुकी है, अकसर नीला आसमान देखने को मिलता है। चीन ने पर्यावरण प्रदूषण की गंभीरता को समझा और इस दिशा में काम किया है। आजकल चीन में इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक तौर पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इतना ही नहीं विभिन्न इलाकों में कृत्रिम वन व पार्कों का निर्माण भी हो रहा है। पेइचिंग शहर में कई पार्क स्थापित किए गए हैं, जिससे शहर में हरियाली बढ़ गयी है और प्रदूषण में काफी कमी आयी है।

इस बीच हाल में चीन में एक सर्वेक्षण किया गया, जिसके मुताबिक देश में अब वनों का क्षेत्रफल बढ़कर 284.12 मिलियन हेक्टेयर पहुंच गया है। जिससे देश में हरित पट्टी में व्यापक बढ़ोतरी हुई है। बताया जाता है कि इस तरह का डेटा हर दस साल में एक बार जारी किया जाता है। इससे जाहिर होता है कि चीन के संबंधित विभाग वृक्षारोपण व हरित क्षेत्र स्थापित करने में कितना ध्यान दे रहे हैं।

इसके साथ ही अगर चीन में आद्र्रभूमि की बात करें तो वह 23.46 मिलियन हेक्टेयर हो चुकी है। हालांकि इसे पहली बार सर्वेक्षण की श्रेणी में शामिल किया गया है।

प्राकृतिक संसाधन मामलों के उप मंत्री वांग कुआंग के मुताबिक यह सर्वे इस बात को दर्शाता है कि चीन ने पिछले एक दशक में चीन में पर्यावरण की स्थिति कितनी बेहतर हुई है। इसके साथ ही देश ने आर्थिक विकास के साथ भी तालमेल बनाए रखा है।

हालांकि उन्होंने इस बात पर चिंता जताई है कि ग्रामीण इलाकों में अब भी भूमि का कम इस्तेमाल हो रहा है।

इस दौरान चीनी राष्ट्रपति ने हबेई प्रांत के जिन इलाकों का दौरा किया, उसका भी यहां जिक्र करना होगा। उन्होंने विशाल सैहानपा कृत्रिम वन क्षेत्र व छंगते पहुंचकर वहां की स्थिति का जायजा लिया। ये क्षेत्र पेइचिंग व आसपास के इलाकों के लिए बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन भी प्रदान कर रहे हैं। जिसका असर सीधे तौर पर देखने को मिला है।

(अनिल पांडेय, पेइचिंग)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.