अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की निदेशक क्रिस्टालिना जॉजीर्वा ने 6 अप्रैल को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है, साल 2023 में समग्र विकास दर 3 प्रतिशत से कम रहने की उम्मीद है, चीन और भारत इस वर्ष वैश्विक विकास में आधा योगदान देंगे।
उस दिन, आईएमएफ और विश्व बैंक की 2023 वसंत बैठकों की शुभारंभ रस्म वाशिंगटन में आयोजित हुई, जिसमें जॉजीर्वा ने भाषण देते हुए कहा कि भू-राजनीतिक तनाव और उच्च मुद्रास्फीति जैसे कारकों के कारण, वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए ठोस सुधार प्राप्त करना अभी भी बहुत कठिन है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था की कुछ विकास गति उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं से आई है, जिसमें एशिया विशेष रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, चीन और भारत के 2023 में वैश्विक आर्थिक विकास में आधे योगदान की उम्मीद है। जबकि अमेरिका और यूरो क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि धीमी हो रही है, उच्च ब्याज दरें मांग को कम कर रही हैं। इस वर्ष, लगभग 90 प्रतिशत विकसित अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक वृद्धि में गिरावट होने की उम्मीद है।
जॉजीर्वा के अनुसार, आईएमएफ ने भविष्यवाणी की है कि वैश्विक आर्थिक विकास दर अगले पांच वर्षों में लगभग 3 प्रतिशत रहेगी, जो कि 1990 के बाद से संस्था द्वारा किया गया सबसे कम मध्यम अवधि का आर्थिक विकास पूवार्नुमान है, और यह पिछले 20 वर्षों में 3.8 प्रतिशत के औसत स्तर से भी काफी नीचे है।
बता दें कि आईएमएफ और विश्व बैंक की 2023 वसंत बैठकों के आधिकारिक कार्यक्रम 10 से16 अप्रैल तक वाशिंगटन में आयोजित किए जाएंगे, इस दौरान आईएमएफ अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट जारी करेगा।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS