कोरोना के फैलते संक्रमण के बीच गुजरात के एक वैज्ञानिक ने एक ऐला मास्क विकसित किया है जो बैक्टेरिया और वायरस से लोगों को सुरक्षित रखेगा. भावनगर के सेंट्रल सॉल्ट एंड मरिन केमिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट (CSMCRI) के वैज्ञानिक ने इस मास्क को मेम्ब्रा टेक्नॉलोजी से विकसित किया है. एक मीडिया रिपोर्च के मुताबिक स्पेशल मटेरियल से बने इस मास्क से वायरस और बैक्टीरिया मर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगर इस मास्क को चिकित्सकीय मान्यता दे दी गई तो ये न केवल आम लोगों के लिए बल्कि उन हेल्थ वर्कर्स केलिए भी बेहद कारगर साबित होगा जो दिन-रात कोरोना मरीजों को ठीक करने में जुटे हुए हैं.
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CMSCRI के मेम्ब्रेन साइंस एंड सेपरेशन टेक्नोलॉजी डिविशन के हेड डॉ वी के साही का दावा है कि इस मास्क का निर्माण एंटी वायरस, एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल मटेरियल से किया गया है जिससे इस मास्क के बाहरी सतह पर जमा होने वाले सारे वायरस और बैक्टीरिया मर जाएंगे. वी के साही का दावा है कि ये उन N-95 मास्क से भी बेहतर है जिसे अभी तक सबसे अच्छा बताया जाता है.
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उन्होंने कहा कि इस मास्क में इस्तेमाल होने वाला मटेरियल 60 नैनो मीटर साइज के किसी भी वायरस को मार सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कीमत के मामले में भी ये मास्क दूसरे मास्क से बेहतर बताया जा रहा है. एक तरह जहां बाजार में इस वक्त मौजूद मास्क की कीमत 100 से 300 रुपए तक है तो वहीं इस मास्क की प्रोडक्शन कॉस्ट 25 से 45 रुपए बताई जा रही है.
बता दें, कोरोना का संकट दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1118 मामले सामने आने के बाद अब ये आंकड़ा अब 12 हजार के करीब पहुंच गया है. यानी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 11 हजार 933 हो गई है. इसमें 1344 लोग ठीक ह चुके हैं जबकि 392 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मुंबई के बांद्रा (Bandra) के बाद दिल्ली में बुधवार को लॉकडाउन (Lockdown) की धज्जियां उड़ाई गईं. दिल्ली में यमुना नदी के किनारे अचानक हजारों की संख्या में दिहाड़ी मजदूर जमा हो गए. ये प्रवासी मजदूर जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते दिखे. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने ट्वीट कर कहा कि यमुना घाट पर जुटे प्रवासी मजदूरों के खाने और रहने की व्यवस्था कर दी गई.