भारत के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में रोजगार कौशल पाठ्यक्रम के डिजिटल संस्करण शुरू किया गया है। द फ्यूचर स्किल्स फोरम-फ्यूचर राइट स्किल्स नेटवर्क (एफआरएसएन) की एक पहल है, जो क्वेस्ट एलायंस, एक्सेंचर, सिस्को और जेपी मॉर्गन का एक सहयोगी प्रयास है।
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री (एमएसडीई) धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को फ्यूचर स्किल्स फोरम में भारत के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में नामांकित छात्रों के लिए रोजगार कौशल पाठ्यक्रम के डिजिटल संस्करण का विमोचन किया।
यह युवाओं को भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कौशल हासिल करने में मदद करने के लिए सरकारी कौशल प्रशिक्षण संस्थानों, नागरिक समाज संगठनों, उद्योग और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी से जुड़े साझेदारों को एक साथ लाता है।
इस अवसर पर प्रधान ने रोजगार क्षमता बढ़ाने, भारत के भविष्य को आकार देने और 21वीं सदी के कार्यबल को तैयार करने में कौशल की परिवर्तनकारी शक्ति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सदी की अगली एक तिहाई अवधि में जब भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे कर रहा होगा, तब भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। डिजिटल भुगतान से लेकर टीकाकरण तक, हम जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी को अपनाने और सर्वश्रेष्ठ उत्पाद एवं सेवाएं तैयार करने में पहले से ही आगे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस युग में जहां कार्यस्थल की प्रकृति तेजी से बदल रही है और जहां नई प्रौद्योगिकियां अब एक बहुत ही छोटे अभिजात वर्ग तक सीमित नहीं हैं, कौशल विकास हमारी जनसांख्यिकी की वास्तविक क्षमता को अनलॉक करने की कुंजी होगी।
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उद्योग जगत के दिग्गज कुशल इकोसिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने और समाज के बड़े लाभ के लिए एआई, आईओटी जैसी नई तकनीकों का लाभ उठाने के तरीकों पर विचार करने के लिए एक साथ आए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत की क्षमता से विश्व को भी लाभ हो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) ने कमाई के साथ-साथ सीखने के अवसर पैदा किए हैं।
डिजिटल पाठ में वित्तीय और डिजिटल साक्षरता, विविधता और समावेश, करियर विकास, लक्ष्य निर्धारण और उद्यमिता पर मॉड्यूल शामिल हैं। ये उन्नत ईएस पाठ्यक्रम से तैयार किए गए हैं, जिसे सितंबर 2022 में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था।
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक किसी भी समय, कहीं भी सीखने की आवश्यकता को पूरा करने के उद्देश्य से, ये मॉड्यूल भारत सरकार के भारत कौशल पोर्टल के साथ-साथ अन्य प्लेटफार्मों के माध्यम से 2.5 मिलियन से अधिक शिक्षार्थियों के लिए सुलभ होंगे। सक्रिय उद्योग योगदान के साथ विकसित, पाठ्यक्रम में बाइट-साइज, गेमिफाइड प्रारूप में 12 मॉड्यूल शामिल हैं और प्रत्येक पाठ के बाद मूल्यांकन किया जाता है, जो शिक्षार्थियों को उनके सीखने की गहराई का आकलन करने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। मॉड्यूल में कहानी सुनाने का तरीका शिक्षार्थियों को संबंधित परि²श्य प्रदान करता है, जिसे वे वास्तविक दुनिया की स्थितियों में इस्तेमाल कर सकते हैं। रचनात्मक फीडबैक प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि शिक्षार्थियों को फीडबैक प्राप्त हो, जो विशिष्ट, तत्काल, कार्रवाई-योग्य हो और इस प्रकार सीखने के बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में मिश्रित शिक्षण जैसे नवीन शैक्षणिक मॉडल पेश करने में डिजिटल पाठ सहायक होंगे, जो शिक्षकों को 21वीं सदी की कक्षाओं को तैयार करने और उनका नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाएंगे।
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Source : IANS