राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाषण वाला एक छोटा वीडियो साझा करते हुए भाजपा नेताओं ने राज्य में सक्रिय ट्रांसफर माफिया को लेकर कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजस्थान से लोकसभा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अशोक गहलोत के वीडियो को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, सत्यम् किम् प्रमाणम, प्रत्यक्षे किम् प्रमाणम्! राजस्थान के मुख्यमंत्री के सामने शिक्षकों ने एक स्वर में कहा कि हां, उन्हें ट्रांसफर्स के लिए घूस खिलानी पड़ती है। जब इतने बड़े स्तर पर राज्य में ट्रांसफर माफिया सक्रिय हैं तो इसकी आधिकारिक जांच होनी ही चाहिए।
राठौड़ ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री को हटाने की मांग करते हुए अगले ट्वीट में कहा, जांच पूर्ण होने तक, शिक्षा मंत्री को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। यदि वे स्वयं पद नहीं छोड़ते तो मुख्यमंत्री को उन्हें पद से हटाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री और राजस्थान के जोधपुर से लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने अशोक गहलोत के भाषण वाले वीडियो को शेयर करते हुए ट्वीट किया, जब भविष्य निर्माता शिक्षक ही स्वीकारने लगें कि उन्हें स्थानांतरण के लिए रिश्वत देनी पड़ती है और वह भी राज्य शिक्षा मंत्री के सामने तो बच्चा भी समझ सकता है कि राज्य का वर्तमान कैसा है? मुख्यमंत्री जी ने खुद ही सवाल कर अपनी सरकार के भ्रष्टाचार पर मुहर लगा दी।
शेखावत ने अगले ट्वीट में लिखा, गहलोत जी के भूतकाल में किए जीरो करप्शन के वादे को सौ पर्सेट फाल्स कहने में अब उन्हें भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि शिक्षकगण सामूहिक रूप से उनकी तरह झूठ नहीं कह सकते।
राजस्थान के ही बीकानेर से लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गहलोत सरकार को घेरने की कोशिश करते नजर आए।
दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वयं शिक्षकों से यह सवाल पूछा कि क्या उन्हें ट्रांसफर के लिए पैसे देने पड़ते हैं? शिक्षकों ने जवाब हां में दिया। शिक्षकों के इस जवाब ने मुख्यमंत्री के साथ-साथ कार्यक्रम में मौजूद शिक्षा मंत्री को भी असहज कर दिया और इसी वीडियो का सहारा लेकर भाजपा के दिग्गज नेता गहलोत सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
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Source : IANS