World Book Fair 2024: खिली धूप तो बढ़ी रंगत... पहुंचे साहित्यकार और रख दी अपने दिल की बात

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में बीते 9 दिनों से विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा था. आज मेले के अंतिम दिन करीब 1.5 लाख से अधिक पाठकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. आलम ये था कि आयोजन स्थल खचाखच भरा हुआ नजर आया.

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Sourabh Dubey
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world_book_fair ( Photo Credit : News Nation)

New Delhi Book Fair 2024: राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में बीते 9 दिनों से विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा था. आज मेले के अंतिम दिन करीब 1.5 लाख से अधिक पाठकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. आलम ये था कि आयोजन स्थल खचाखच भरा हुआ नजर आया. आज पुस्तक विमोचन के समय कुछ साहित्यकारों ने अपने पुराने दिनों को याद किया तो कुछ ने अपनी दिल की बात कह डाली.

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पुस्तक मेला कई मायनों में रहा खास

10 फरवरी से 18 फरवरी तक आयोजित नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला कई मायनों में खास रहा. एक ओर जहां साहित्यकारों, शिक्षाविदों और पुस्तक प्रेमियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई तो वहीं भारत के प्रकाशन उद्योग ने भी नई ऊंचाइयों को छूआ. 

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700 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन

नौ दिनों तक चले इस मेले में इस बार 700 से अधिक साहित्यिक और रचनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. अंतिम दिन कई प्रकाशकों और साहित्यकारों ने अपने-अपने स्टॉल पर साहित्यिक गतिविधियों के लिए मंच सजा रखे थे. आखिरी दिन अभिनेता और निर्माता राहुल मित्रा, फ़िल्म निर्माता डॉ. राजीव श्रीवास्तव, फ़िल्म समीक्षक अभिजीत घोष और अर्नब बनर्जी के साथ-साथ लेखक केविन मिसल, काजल कपूर, मुकुल कुमार, अक्षत गुप्ता और ओम निश्चल सहित कई साहित्यकारों ने मेले में शिरकत की. 

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'शेर और चूहे' की कहानी...

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल 3 बाल मंडप में वांडररूम बाल पुस्तकालय राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. 'नृत्यगुरु और डांसर बच्चे' कार्यक्रम में प्रतुल वशिष्ठ एवं तनुश्री दास और उनकी टीम ने भरतनाट्यम और कथक सहित कई अद्भुत शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शन प्रस्तुत किए. विभिन्न "भाव और मुद्राओं" के माध्यम से इन युवा कलाकारों ने पुष्पांजलि, शब्दम, सलोकमहल्ला, शेर और चूहे की कहानियां भी प्रस्तुत कीं.  

जब बच्चों ने मेले से अपने मित्रों को लिखा पत्र...

हॉल 3, बाल मंडप में  "बहुभाषी भारत : एक जीवंत परंपरा" थीम के तहत डाक रूम की मुस्कान गुप्ता द्वारा आयोजित एक सत्र में ड्राइंग और पोस्टकार्ड लेखन गतिविधियों का आयोजन किया गया. इस सत्र में बच्चों ने पोस्टकार्ड के एक तरफ भारत की "अनेकता में एकता" विषय पर चित्र बनाए और अपने मित्रों को पत्र लिखकर पुस्तक मेले और यहां हो रहे आयोजनों के बारे में बताया और बाल मंडप में लेटर बॉक्स में पत्र पोस्ट किए.

हुआ 'सीता' का लोकार्पण

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल नंबर 3 लेखक मंच पर पुस्तक 'सीता' का मराठी अनुवाद का लोकार्पण पुस्तक पर चर्चा किया गया. इस सत्र के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे रहे. 

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सामने आया 'भगवान का रहस्य'

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के हॉल नंबर 2 लेखक मंच पर प्रखर गूँज पब्लिकेशन द्वारा नीलू सिन्हा के संचालन में डॉ.कमलेश बजाज की पुस्तक 'डिस्कवरिंग इंडिया थ्रू द भारतीय लेंस', महेंद्र वशिष्ठ की पुस्तक 'भगवान का रहस्य', रूचि सिंह की पुस्तक 'कॉल ऑफ द जंगल' और कल्पना श्रीवास्तव की पुस्तक 'प्रांजल' पर लोकार्पण आईपीएस के. सी. वर्मा, प्रोफेसर राजेश मोहन, सुमिता कौशिक और मीनाक्षी वर्मा की उपस्थिति में किया गया. सत्र में लोकार्पित पुस्तकों के लेखकों ने पुस्तकों पर अपने विचार भी रखे.

'आहटें आस-पास' का विमोचन और...

वहीं, विश्व पुस्तक मेले 2024 में हॉल 2 लेखक मंच पर साहित्य वार्षिकी 'आहटें आस-पास का' विमोचन एवं चर्चा सत्र का आयोजन किया गया. इस सत्र में कवयित्री सविता सिंह, संवेद के संपादक किशन कालजयी, समालोचन संपादक के अरुण देव, कवि-कथाकार प्रेम रंजन अनिमेष, तुबिंगन विश्वविद्यालय, जर्मनी के प्राध्यापक दिव्यराज अमिय, उपन्यासकार प्रियंवद  और वरिष्ठ उपन्यासकार कपिल ईसापुरी की उपस्थिति में 14 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया. इस सत्र में मानव में मिटती संवेदना और साहित्य की उपयोगिता पर चर्चा की गयी.

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'कविता...विचार की एक यात्रा'

प्रशासनिक अधिकारी, उपन्यासकार और कवि मुकुल कुमार की 'लॉस्ट इन द लव मेज़' नामक पुस्तक आज थीम पवेलियन में लॉन्च की गई. उन्होंने कविता और गद्य के बीच अंतरसंबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कविता उनके गद्य को पुष्ट करती है. इसके अलावा, उन्होंने कविता को एक विचार की यात्रा बताया, जबकि कहानियां विभिन्न विचारों की पूरी यात्रा को समाहित करती हैं.

'हमार गाँव' के लिए मिला शती साहित्यकार पुरस्कार

हॉल नंबर 2 लेखक मंच पर सर्व भाषा ट्रस्ट द्वारा सुप्रसिद्ध लेखक व साहित्यकार राम दरश मिश्र के द्वारा हिंदी के साहित्यकार डॉ. हरेराम पाठक  को 'हिंदी आलोचना कोश' व भोजपुरी भाषा लेखक चंद्रेश्वर 'हमार गाँव' पुस्तक के लिए शती साहित्यकार पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया. आयोजित सत्र में पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार और साहित्य अकादेमी के पूर्व अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी और माधव कौशिक, अशोक वाजपेयी और ओम निश्चल मौजूद रहे. इस दौरान राम दरश मिश्र ने अपने जिंदगी के पुराने दिन को याद करते हुए बनारस का ज़िक्र किया तथा काव्य पाठ किया.

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लेखन क्षेत्र में कैसे बनाएं अपनी जगह...

हॉल नंबर 5 ऑथर्स कॉर्नर में 'फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवलस्' के तहत द ग्रेट इंडियन बुक टूर द्वारा 'फाइंडिंग योर निके इन फिक्शन राइटिंग' सत्र में प्रसिद्ध साहित्यकार चेतन बत्रा, अखिल कक्कड़, स्वप्निल अरोड़ा, रविकांत सोनी ने अपने विचार प्रकट किए. सत्र में बताया गया कि कोई व्यक्ति लेखन क्षेत्र में अपनी जगह कैसे बना सकता है.

उद्यमी के रूप में महिलाओं की भूमिका...

काजल कपूर द्वारा संचालित 'थॉट लीडर्स के रूप में महिला उद्यमी: व्यवसाय में पुस्तकों का प्रभाव' विषय पर चर्चा की गई. इस दौरान वक्ता श्रुति कोहली और वसुधा मदान ने एक उद्यमी के रूप में महिलाओं की भूमिका के बारे में बातचीत की.

Source : News Nation Bureau

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