दिल्ली में जलजमाव की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए बाढ़ नियंत्रण आदेश
दिल्ली में जलजमाव की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए बाढ़ नियंत्रण आदेश
नई दिल्ली:
पिछले साल अप्रत्याशित वर्षा के कारण दिल्ली में कई क्षेत्रों में जलजमाव के संवेदनशील मामले सामने आए थे। मानसून के दिनों में इस बार दिल्ली में जलजमाव की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए गुरुवार को बाढ़ नियंत्रण आदेश 2022 का दिया गया है। राज्य सरकार का मानना है कि दिल्ली में मानसून के दौरान जलजमाव व यमुना नदी के जलस्तर बढ़ जाने के कारण खादर क्षेत्र में बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न न हो इससे बचने के लिए सभी नोडल एजेंसीज को साथ मिलकर काम करने की जरुरत है।दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कहा कि पिछले साल भी सभी एजेंसीज के संयुक्त प्रयासों की मदद से इन समस्याओं से निपटने में काफी हद तक मदद मिली थी। इस बार भी राजस्व विभाग और अन्य संबंधित विभाग मानसून के दौरान बाढ़ जैसी आपदा से निपटने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मानसून के दौरान जलजमाव व यमुना नदी के जलस्तर बढ़ जाने के कारण खादर क्षेत्र में बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न न हो इससे बचने के लिए सभी नोडल एजेंसीज को साथ मिलकर काम करने की जरुरत है।
इस विषय पर आयोजित एक बैठक में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल मानसून के दौरान जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए सभी संबंधित एजेंसीज ने शानदार काम किया था व मिन्टो ब्रिज जैसे बहुत से संवेदनशील जगहों पर जलजमाव की समस्या से निजात पा लिया था। लेकिन पिछले साल अप्रत्याशित वर्षा के कारण दिल्ली में जलजमाव के कई और संवेदनशील क्षेत्र सामने आए। इस साल उन स्थानों पर जलजमाव को रोकने के लिए कई कड़े कदम उठाए गए है।
सिसोदिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी एजेंसीज इस साल जलजमाव वाले स्थानों की कड़ी निगरानी करें और ध्यान रखे कि जलजमाव से संबंधित समस्याओं के कारण किसी भी नागरिक को परेशानी का सामना न करना पड़े।
साथ ही उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे दिल्ली के विभिन्न इलाकों का दौरा करें व जलजमाव वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर उनपर तत्काल कार्रवाई करें और उससे संबंधित रिपोर्ट पेश करें।
बाढ़ नियंत्रण आदेश(फ्लड कण्ट्रोल आर्डर) में बाढ़ नियंत्रण से संबंधित सभी मशीनरी, संचालन की योजना और जल निकासी प्रणाली, नदी तटबंधों, नियामकों, पंपिंग स्टेशनों आदि से संबंधित सभी जरुरी जानकारी शामिल होती है। साथ ही इसमें सभी नोडल एजेंसीज के कण्ट्रोल सेंटर के संपर्क नंबर और संबंधित एजेंसियों, विभागों के बीच सक्रिय भागीदारी और समन्वय के साथ बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए आवश्यक जानकारी शामिल होती है।
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