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21वीं सदी के अवसरों का लाभ उठाने के लिए सही मानसिकता की जरूरत : जितेंद्र सिंह

21वीं सदी के अवसरों का लाभ उठाने के लिए सही मानसिकता की जरूरत : जितेंद्र सिंह

Updated on: 13 Nov 2021, 10:00 PM

जम्मू:

कई अहम मंत्रालयों के राज्य मंत्री (एमओएस) जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि 21वीं सदी में मौजूद अवसरों को 20वीं सदी की मानसिकता के साथ नहीं भुनाया जा सकता है।

जम्मू विश्वविद्यालय में एक संवादात्मक संगोष्ठी में मुख्य भाषण देते हुए, सिंह ने कहा, जो युवा पिछले कुछ वर्षों से सक्रिय हैं, अब यह महत्वपूर्ण हो गया है कि वे अपनी मानसिकता को समय के अनुरूप बदलें, ताकि 21वीं सदी में भारत के समक्ष मौजूद अवसरों का भरपूर लाभ उठा सकें।

उन्होंने कहा, जब तक मानसिकता में बदलाव नहीं किया जाता है, तब तक नए अवसरों से अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हो सकते हैं। आज के भारत की महत्वाकांक्षा सर्वोच्च स्तर पर है और इस समय युवाओं का मंत्र होना चाहिए आकांक्षा, नवाचार और प्रतिस्पर्धा।

मंत्री ने कहा, दुनिया में कोई भी सरकार अपने देश के प्रत्येक युवा को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान जिम्मेदार सरकार ने आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए कई पहल की हैं जो सरकारी नौकरी से भी अधिक आकर्षक हैं।

उन्होंने आगे कहा, लेकिन नए अवसरों का उपयुक्त लाभ उठाने के लिए आवश्यकता है कि अपनी मानसिकता को सरकारी नौकरी के चंगुल से मुक्त किया जाए। इसके लिए माता-पिता को भी शिक्षित होने की जरूरत है और साथ ही राजनेताओं और नेताओं को भी सरकारी नौकरी का झूठा आश्वासन देने से खुद को रोकने की आवश्यकता है।

सिंह ने कहा, भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष का उत्सव मना रहा है और भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूर्ण होने से पहले, अगले 25 वर्षों के लिए रोड मैप तैयार करने का समय आ गया है। आज भारत के युवाओं के समक्ष एक ऐसा गौरवपूर्ण अवसर और विशेषाधिकार मौजूद है जब वे 2047 में स्वाधीन भारत के 100 वर्ष पूर्ण होने तक भारत के निर्माण और विश्व समुदाय में इसे एक अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में योगदान करने में सक्षम हैं।

उन्होंने कहा, आज भारत के युवाओं के समक्ष सबसे बड़ा सुअवसर यह है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने तेजी से प्रगति की है, जिसे पूरी दुनिया स्वीकार करती है और आज भारत को एक ताकत के रूप में देखा जाता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को दुनिया में कहीं भी सबसे प्रभावशाली और लोकप्रिय राष्ट्राध्यक्ष के रूप में सार्वभौमिक और सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया है।

मंत्री ने कहा, स्वतंत्रता के समय, उस युग के युवाओं को भारत की स्वतंत्रता को बनाए रखने और इसे एक प्रगतिशील लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में स्थिर बनाने की चुनौती सौंपी गई थी, जब दुनिया के कई लोकतंत्र ढह रहे थे और सर विंस्टन चर्चिल सहित कई राजनीतिक विद्वानों ने यह भविष्यवाणी की थी कि भारत में एक लोकतंत्र के रूप में 50 वर्षों तक भी जीवित रहने की क्षमता नहीं है।

उन्होंने कहा, दूसरी ओर, आज 2021 के युवाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले 7 वर्षों में जो उपलब्धियां प्राप्त कीं है और पिछले 70 वर्षों में जो चूक हुई उसकी भरपाई करने की जिम्मेदारी है।

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