संजीवनी सहकारी समिति घोटाले को लेकर जोधपुर से भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच वाकयुद्ध बुधवार को उस समय तीखा हो गया, जब गहलोत ने शेखावत पर गंभीर आरोप लगाए और दावा किया कि केंद्रीय मंत्री के परिवार के सदस्य भी घोटाले में शामिल हैं।
गहलोत ने कहा, इस घोटाले में गजेंद्र सिंह के पिता, मां, पत्नी, पांच साले शामिल हैं। उनकी मां का निधन हो गया है, लेकिन उनका पूरा परिवार शामिल रहा है। इस मामले में लगभग 50 आरोपी हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसे शख्स को मंत्री बनाया है, जिस पर गंभीर आरोप हैं।
गहलोत ने राज्य के बजट पर बैठक की अध्यक्षता करने के बाद राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से कहा, प्रधानमंत्री उनसे पूछताछ करें।
यह बताते हुए कि संजीवनी घोटाले में 80 प्रतिशत पीड़ित राजपूत हैं, गहलोत ने कहा, मैंने भगवान सिंह रोलसब्सर से बात की है, जो गजेंद्र सिंह शेखावत के संरक्षक हैं। मैंने उनसे शेखावत को लोगों के पैसे वापस करने के लिए मनाने का आग्रह किया। मुझे नहीं पता कि शेखावत ने कितने देशों में घोटाले की रकम को पार्क किया है, यह तो केंद्रीय मंत्री महोदय को स्पष्ट करना चाहिए। वह इस मामले की जांच ईडी से क्यों नहीं करवा रहे हैं?
घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने पर गहलोत ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी तो शेखावत की जेब में है।
गहलोत ने यह भी कहा कि शेखावत को राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) के पास जाना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहना चाहिए।
गहलोत ने फोन टैपिंग मामले का जिक्र करते हुए कहा, इससे पहले हमारी सरकार को गिराने की कोशिश की गई, जिसमें शेखावत ने मुख्य भूमिका निभाई।
शेखावत ने दो दिन पहले गहलोत द्वारा उनके चरित्र की राजनीतिक हत्या करने का आरोप लगाया था।
गहलोत ने तब शेखावत पर पलटवार करते हुए दावा किया था कि संजीवनी घोटाले के बाकी दोषियों की तरह भाजपा नेता द्वारा किया गया अपराध भी साबित हो गया है।
शेखावत पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा था, केंद्रीय मंत्री संजीवनी सहकारी समिति घोटाले में जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें हजारों निवेशकों को कथित तौर पर लगभग 900 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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Source : IANS