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शैक्षणिक नुकसान से उबरने के लिए छात्रों की क्षमता का होगा आकलन

शैक्षणिक नुकसान से उबरने के लिए छात्रों की क्षमता का होगा आकलन

Updated on: 08 Aug 2021, 07:30 PM

नई दिल्ली:

देश भर में कोरोनावायरस के कारण स्कूली शिक्षा और छात्रों को बड़ा नुकसान हुआ है। अब इस शैक्षणिक नुकसान से उबरने के लिए शिक्षा मंत्रालय स्कूल व्यवस्था में कई सकारात्मक बदलाव ला रहा है। इस प्रक्रिया के अन्तर्गत एनसीईआरटी देशभर में स्कूली शिक्षा को हुए नुकसान का आकलन करेगा और लाखों छात्रों की मदद करने के लिए एक रोडमैप तैयार करेगा।

शिक्षाविद भी मानते हैं कि हाल की लॉकडाउन अवधि में छात्रों की शिक्षा का नुकसान हुआ है। यही कारण है कि लॉक डाउन अवधि के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए शिक्षा मंत्रालय ने अधिक संस्थानों को ओपन और डिस्टेंस लनिर्ंग कोर्सिस की अनुमति देने के लिए मानदंडों में ढील देने का फैसला किया है।

वहीं स्कूलों पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव को समझने के लिए स्कूलों की सामाजिक आर्थिक स्थिति पर एनसीईआरटी द्वारा सर्वेक्षण किया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक स्कूली छात्रों के सीखने की दक्षता का यह आकलन इसी वर्ष नवंबर में आयोजित किया जा सकता है।

इस दौरान एनसीईआरटी द्वारा करीब 35 लाख से अधिक छात्रों का आंकलन किया जाएगा। गौरतलब है कि एनसीईआरटी यानी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद कक्षा 3,5,8 और10वीं के बच्चों की सीखने की उपलब्धि का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण आयोजित करता है।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण देश के अधिकांश प्राथमिक व मिडिल स्कूल अभी भी बंद है। वहीं 11वीं 12वीं जैसी बड़ी कक्षाओं के छात्र भी नियमित रूप से स्कूल नहीं जा सके हैं। इसी को देखते हुए इस वर्ष 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं दी पूरी तरह से रद्द करनी पड़ी थी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि ऑनलाइन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सामग्री प्रदान करने के लिए दीक्षा प्लेटफार्म के जरिए सभी कक्षाओं के लिए क्यूआर कोड वाली सक्रिय पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा सीबीएसई पोड कास्ट शिक्षा प्रणाली का भी व्यापक उपयोग किया जा रहा है।

गौरतलब है कि कोरोना काल में दीक्षा प्लेटफार्म पर 23 सौ करोड़ से ज्यादा हिट हुए हैं। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अभी भी इस पर प्रतिदिन करीब 5 करोड़ हिट हो रहे हैं।

कोरोना को ध्यान में रखते हुए खास तौर पर मूक बधिरों और ²ष्टिबाधितों के लिए डिजिटल रूप से सुगम में सूचना प्रणाली वाली वेबसाइट बाय यूट्यूब पर सांकेतिक भाषा नई सामग्री वितरित की जा रहीं है।

वहीं एनसीईआरटी ने स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्कूल प्रमुखों और अध्यापकों की समग्र उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल निष्ठा नामक एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए एनसीईआरटी ने निष्ठा कार्यक्रम को दीक्षा प्लेटफार्म पर प्रारंभिक स्तर के लिए ऑनलाइन शुरू किया था। 2021-22 में माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों के लिए मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान पर निष्ठा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.