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प्रधान ने मानव-हाथी संघर्ष पर ओडिशा के मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र

प्रधान ने मानव-हाथी संघर्ष पर ओडिशा के मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र

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IANS
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New Delhi

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने कैबिनेट सहयोगी भूपेंद्र यादव और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर ओडिशा में मानव-हाथी संघर्ष को दूर करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है।

यादव और पटनायक को लिखे अपने पत्र में, शिक्षा मंत्री ने राज्य में हाथियों की बढ़ती संख्या और बढ़ते हाथी-मानव संघर्ष पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में, ओडिशा में 784 हाथियों की मौत हुई है, इनमें से 245 की मौत तीन वर्षों में हुई।

प्रधान ने कहा, इस साल मार्च का महीना विशेष रूप से विनाशकारी रहा है, इसमें सात हाथियों की मौत हुई है, जो तीन वर्षों में सबसे ज्यादा है। दुख की बात है कि ज्यादातर मौतें अवैध शिकार, बिजली के झटके या ट्रेन/सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई हैं।

उन्होंने राज्य विधानसभा के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि ओडिशा में पिछले पांच वर्षों (2017-18 से 2021-22) में 416 हाथियों सहित कुल 2776 जंगली जानवर मारे गए हैं।

इसके अलावा, प्रधान ने उल्लेख किया कि हाथियों के हमलों के कारण 669 आदमी और 741 पालतू जानवर मारे गए और 9151 घर क्षतिग्रस्त हो गए।

उन्होंने कहा, हाथी संरक्षण ओडिशा के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये जानवर हमारे पारिस्थितिक संतुलन, सांस्कृतिक विरासत और राज्य की पहचान का एक अभिन्न अंग हैं। इन प्राणियों की भलाई हमारे जंगलों और आजीविका के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

यह कहते हुए कि केंद्र सरकार ने वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क के विस्तार और परियोजना ने हाथियों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत नींव रखी है।

मामले की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने ओडिशा में मनुष्यों और हाथियों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और ओडिशा सरकार के हस्तक्षेप की मांग की।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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