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ग्रामीण इलाकों में तेजी से बढ़ रही इंटरनेट कनेक्टिविटी : निर्मला सीतारमण

ग्रामीण इलाकों में तेजी से बढ़ रही इंटरनेट कनेक्टिविटी : निर्मला सीतारमण

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IANS
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New Delhi

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि ग्रामीण भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ रही है और जल्द ही यह शहरी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी से आगे बढ़ जाएगी।

राज्यसभा में बजट पर आम चर्चा के दौरान वित्तमंत्री ने कहा कि अगस्त 2021 में जारी भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2021 में भारतनेट ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से डाटा खपत 13,000 टेराबाइट बढ़ी है। इस दौरान इंटरनेट के सब्सक्राइबर की संख्या भी बढ़कर 82.5 करोड़ हुई है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन बिछाने को करार इस साल किया जाएगा और वर्ष 2025 तक इन्हें पूरा कर लिया जाएगा।

बंगलादेश के आर्थिक विकास की गति भारत से तेज होने के विपक्ष के बयान पर वित्तमंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बंगलादेश से 10 गुणा बड़ी है और इसी कारण अगर बंगलादेश 10 प्रतिशत की दर से वृद्धि करता है तो भारत के लिए यह एक प्रतिशत ही होगा लेकिन विकास समान स्तर भी रहेगा।

उन्होंने कहा, यह कहना कि बंगलादेश 5.5 प्रतिशत की दर से विकास कर रहा है और हम 4.1 प्रतिशत की दर से विकास कर रहे हैं, यह कहना विकास दर के संदर्भ में पूरी तरह सही नहीं होगा।

कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल के वर्ष 2014 से देश का राहुकाल होने के बयान पर उन्होंने कहा कि राहुकाल तो तब है, जब पदासीन प्रधानमंत्री अमेरिका के राष्ट्रपति से मिलने वाले हों और जो विधेयक उन्होंने पारित किया हो, उसे फाड़ दिया जाए।

उन्होंने कहा, राहुकाल ने ही कांग्रेस पार्टी में जी23 बनाया। हमारा तो अमृतकाल है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। यही राहुकाल है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने अगस्त 2020 में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में सक्रिय नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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